उत्तराखंड

देवप्रयाग पहुंची जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की पदयात्रा

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नई टिहरी। जोशीमठ से 1 मार्च को देहरादून के लिए निकली जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की पदयात्रा देवप्रयाग पहुंची। देर रात नगर पहुंची पदयात्रा को देवप्रयाग तीर्थ पुरोहित समाज ने जोशीमठ को बदरीनाथ धाम जाने का अपना पुराना प्रमुख पड़ाव बताते हुए समिति की मांगों का पूरा समर्थन दिया। श्रीकोट से जोशीमठ बचाओ, सरकार होश में आओ के नारे के साथ जोशीमठ संघर्ष समिति की पदयात्रा गुरुवार देर रात को 39 किमी चलकर देवप्रयाग पहुंची। पदयात्रा की अगुवाई कर रहे सचिन रावत ने कहा की भारत चीन-सीमा पर बसी आदि शंकराचार्य की तपोस्थली जोशीमठ आज अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। भूकंप का हल्का झटका भी इस प्राचीन नगर को जमींदोज कर सकता है। विभिन्न सर्वेक्षण का खुलासा नहीं होने से यहां आशंका व भय का माहौल बना है। कहा कि एनटीपीसी की सुरंग से हो रहे पानी के रिसाव ने यहां संकट और बढ़ाया है। 2010 में बांध कंपनी की ओर से घरों का बीमा करने का लिखित आश्वासन यदि पूरा किया जाता, तो आज जोशीमठ वासी सरकार के भरोसे नहीं रहते।
उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति विस्थापन व पुनर्वास पर ठोस जमीनी कार्रवाई की मांग सरकार के सामने रखेंगी। पदयात्रा का नंदन टोडरिया, त्रिवेंद्र रावत, अतुल कोटियाल, विनोद टोडरिया, रजनी देवी आदि ने यहां स्वागत किया। जोशीमठ के रवि ग्राम, सुनील, सिंहद्वार, मरोड़ी, मनोहर वार्ड आदि के दस युवा पदयात्रा में शामिल हैं।

 

 

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