गौरैया संरक्षण पोस्टर प्रतियोगिता में सार्थक ने मारी बाजी
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में आयोजित की गई प्रतियोगिता
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में आयोजित गौरेया संरक्षण पोस्टर प्रतियोगिता में सार्थक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस दौरान गौरेया के संरक्षण को लेकर गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
मंगलवार को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जंतु विज्ञान एवं जैव प्रोद्योगिकी विज्ञान विभाग की ओर से प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। डॉ.विनय सेठी ने कहा कि हम पक्षियों की कई प्रजातियों को खो चुकें है और कुछ प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं। जिनमें प्रवासी कबूतर, डोडो को हम पहले ही खो चुके है, गिद्ध संकटग्रस्त हो चुके है तो वहीं गौरैया भी विलुप्त होने की ओर अग्रसर है। विकास की इस दौड़ में आज भवनों का निर्माण तेजी से हो रहा है, जिससे गौरैया पक्षी को रहने के लिए उचित स्थान नही मिल पा रहा है। कहा कि हम सबको इसके संरक्षण के लिए अपना योगदान देना होगा। कृत्रिम लकड़ी से घोसला बनाकर इस काम को पूरा किया जा सकता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दिनेश कुकरेती ने गौरैया संरक्षण के लिए युवा पीढ़ी से आगे आने की अपील की। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पवार ने कहा कि गौरैया एवं मनुष्य के बीच का रिश्ता दस हजार वर्ष पुराना है। इसलिए हमे विलुप्त होती गौरैया की वापसी के लिए प्रयास करने होगें। सम्मेलन की संयोजिका डॉ सुनीता नेगी ने कहा कि प्रकृति के संरक्षण के लिए मानव को जिम्मेदारी से अपना कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। इस दौरान गौरैया संरक्षण पर केंद्रित पोस्टर प्रतियोगिता मेंं सार्थक, संदीप व रूही ने क्रमश: प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में दिनेश कुकरेती ने अपने द्वारा निर्मित कृत्रिम घोंसले का भी वितरण किया। मंच का संचालन डॉ अंजू थपलियाल ने किया। इस मौके पर वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर कुशवाहा , प्रोफेसर सीमा चौधरी, डॉ योगिता , डॉ नीता, डॉ श्वेता, डॉ उर्मिला, डॉ सुनीता, डॉ अमित गौड, डॉ विनोद, डॉ धनेंद्र, डॉ अंकेश चौहान, डॉ सुनैना, डॉ रिचा जैन, डॉ सुरभि, डॉ प्रियंका, डॉ स्मिता, डॉ सुमन कुकरेती, डॉ ममता, आशीष चाल्र्स विमल त्यागी उपस्थित थे।