दहशत में डाल रहा पनियाली गदेरा, मुंह चिढ़ा रहे अतिक्रमण पर लगे निशान
चार वर्ष बाद भी पनियाली गदेरे को नहीं किया गया अतिक्रमण से मुक्त
प्रत्येक वर्ष बरसात में तांडव मचाता है नगर से गुजरने वाला पनियाली गदेरा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लगता है सरकारी सिस्टम को आमजन की जिंदगी से कोई मतलब नहीं रह गया है। तभी तो चार वर्ष पूर्व पनियाली गदेरे के आसपास चिह्नित किए गए अतिक्रमण को अब तक नहीं हटाया गया है। जबकि, पूर्व में पनियाली गदेरा कई जिंदगियां भी लील चुका है। बरसात होने पर गदेरा उफान पर बह रहा है। जिससे आसपास के परिवारों की सांसे अटकी हुई हैं। कब यह गदेरा जान-माल पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। वर्तमान में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है।
घाड़ क्षेत्र के जंगलों से आने वाला पनियाली गदेरा कोटद्वार नगर क्षेत्र के करीब तीन किलोमीटर हिस्से में शहर के बीच से होकर गुजरता है। प्रत्येक वर्ष बरसात के दौरान यह गदेरा शहर में कहर बरपाता है। जिससे, शहरवासियों को जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है। दशकों पूर्व 16 मीटर चौड़ाई वाला यह गदेरा अतिक्रमण से केवल 6 से 7 मीटर तक ही रह गया है। वर्ष 2020 में सिंचाई विभाग व प्रशासन ने गदेरे के आसपास 140 अतिक्रमण चिह्नित किए थे। बकायदा भवनों पर लाल निशान भी लगाए गए। लेकिन, निशान लगाने के बाद सिंचाई विभाग व प्रशासन ने आगे की कार्रवाई नहीं की। नतीजा सरकारी सिस्टम की इस लापरवाही से सैकड़ों परिवारों को जानमाल का खतरा बना हुआ है। बरसात सिर पर आते ही पनियाली गदेरे से आमपड़ाव, मानुपुर, सिताबपुर, काशीरामपुर मल्ला, कौड़िया और बालासौड़ क्षेत्र के परिवारों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है।
गदेरे में डालते हैं गंदगी
एक ओर जहां पनियाली गदेरा अतिक्रमण से सिकुड़ रहा है वहीं, क्षेत्रवासियों ने इसे कूड़ा दान भी बना दिया है। आमपड़ाव, सिताबपुर क्षेत्र में हर रोज सैकड़ों टन गंदगी नाले में डाली जा रही है। यही नहीं गदेरे से सटे हजारों घरों का सीवर भी इस गदेरे में गिर रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि पिछले दो दशकों में दो-तीन मर्तबा गदेरा अपना विकराल रूप दिखा कई जदगियां भी लील चुका है। बावजूद इसके आमजन भी गदेरे के संरक्षण को लेकर लापरवाह बना हुआ है।
पनियाली गदेरे के आसपास चिह्नित अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। जन सुरक्षा को देखते हुए जल्द ही प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटाने की भी कार्रवाई शुरू की जाएगी।…अजय जोन, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग