पेपरलीक घपलेबाजों ने करीबियों के नाम पर खनन और शराब कारोबार में लगाया है पैसा

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देहरादून। यूकेएसएसएससी पेपर लीक के घपलेबाजों पर ईडी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पेपरलीक से मिली रकम को खनन और शराब कारोबार में लगाकर काले धन से सफेद किया जा रहा था। बुधवार को देहरादून स्थित ईडी कार्यालय में मंगलवार को हुई कार्रवाई की समीक्षा की गई। प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने मंगलवार को देहरादून के साथ ही रामनगर, काशीपुर, धामपुर में पेपरलीक के घपलेबाजों के ठिकानों पर कार्रवाई की थी। ईडी की ओर से इनकी संपत्ति को अटैच करने के लिए उसका मूल्यांकन किया जा रहा है। कार्रवाई के बाद बुधवार को सभी टीमें दून वापस लौट आई। सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में भर्ती घपले के आरोपियों की संपत्तियों के साथ ही उनके करीबियों का ब्यौरा जुटाया गया है। जांच में पता चला है कि आरोपियों ने अपने करीबियों के नाम पर खनन और शराब के धंधे में भी पैसा लगाया हुआ था। आरोपियों के बैंक खातों के पांच साल का रिकार्ड की भी जांच कर रही है। शुरूआती जांच में पता लगा है कि बड़े पैमाने पर एक ही रकम एक-खाते से दूसरे खाते में नियमित अंतराल पर ट्रांसफर की जा रही थी। बुधवार को दून लौटी टीमों ने उच्चाधिकारियों को कार्रवाई का ब्यौरा दिया।
उत्तरकाशी से भी लौट आई टीम: ईडी ने हाकम देहरादून स्थित आवास के साथ ही उत्तरकाशी में भी संपत्ति का मूल्यांकन किया है। उत्तरकाशी से ईडी की टीम बुधवार दोपहर में देहरादून लौटी है। हाकम की वहां स्थित 5.83 करोड़ की संपत्ति को एसटीएफ पहले ही अटैच कर चुकी है, जबकि बाकी संपत्ति का ब्यौरा जुटाकर ईडी उसे भी अटैच करने की कार्रवाई कर रही है। हाकम और उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर उत्तरकाशी के अलावा देहरादून समेत अन्य स्थानों पर भी जमीने होने की जानकारी मिली है।
जमीन, मकान के दस्तावेज जुटाए: घपलेबाजों की संपत्तियों का ब्योरा जुटाने के लिए ईडी की ओर से अलग-अलग रजिस्ट्री कार्यालय से भी संपर्क किया है। मंगलवार के छापे के बाद संबंधित रजिस्ट्री कार्यालय से आरोपियों की संपत्ति के दस्तावेज लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
आयकर विभाग से भी ली जा रही मदद: ईडी सूत्रों के मुताबिक संपत्ति के मूल्यांकन में आयकर विभाग की भी मदद ली जा रही है। आरोपियों की ओर से भरे गए इनकम टैक्स रिटर्न का मिलान उनके बैंक खातों के लेन-देन और इस अवधि में अर्जित की गई संपत्ति के साथ किया जा रहा है। इसमें ईडी को आरोपियों की बेनामी संपत्ति का खुलासा होने की उम्मीद है।

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