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पैदल 7 किलोमीटर कंधों पर मरीज को सड़क तक पहुंचाया

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संवाददाता
चमोली। चमोली जिले के जोशीमठ विकासखंड स्थित गणाई गांव में एक शख्स की तबीयत अचानक खराब हो गई। ग्रामीणों ने मरीज को कुर्सी की पालकी पर बिठाया और सात किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया। मरीज को जोशीमठ स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद श्रीनगर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया है। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। उत्तराखं के पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात आज भी नहीं सुधरे हैं। मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे इन गावों में अक्सर इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं।
दरअसल, गणाई गांव से सड़क तक पहुंचने के लिए सात किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। जगदीश सती ने बताया कि गांव के ही अवतार सिंह (60 साल) पुत्र दुर्लभ सिंह की दिल का दौरा पड़ने से तबीयत काफी खराब हो गई। ग्रामीणों ने कुर्सी पर डंडे बांधकर उसकी पालकी बनाई और कंधों पर लादकर बीमार अवतार सिंह को जंगल के रास्ते से होकर पातालगंगा के पास मुख्य सड़क तक पहुंचाया। अवतार सिंह को फिलहाल श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। उनकी हालत स्थिर है। ग्रामीणों का कहना है कि गणाई आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती है।
पैदल चलने में काफी समय लग जाता है। पैदल मार्ग भी काफी खतरनाक है। इसमें भूस्खलन का खतरा लगातार बना रहता है, लेकिन वह अपने रोजमर्रा के कामों के लिए इसी रास्ते का प्रयोग करते हैं। गांव में 220 परिवार रहते हैं। गणाई के लिए पातालगंगा से 2017 में सड़क स्वीकृत हुई, लेकिन वन अधिनियम की प्रक्रिया पूरी न होने से निर्माण शुरू ही नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शासन-प्रशासन उनकी समस्या की तरफ आंखे मूंदे बैठा है।

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