पेंशन योजना का लाभ केंद्र की भांति उत्तराखंड में लागू किया जाय
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। राजकीय शिक्षक संघ कार्यालय कोटद्वार में आयोजित बैठक में शिक्षकों ने 1 अक्टूबर 2005 से पूर्व नियुक्त पुरानी पेंशन से वंचित शिक्षकों को केन्द्र की भांति पेंशन योजना का लाभ देने की मांग की। शिक्षकों ने कहा कि केन्द्र सरकार ने हाल ही में उक्त तिथि से पूर्व नियुक्त अपने कर्मचारियों के पक्ष में पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने के आदेश के अनुपालन में उत्तराखंड में संबंधित आदेश को लागू किया जाय। शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही पेंशन योजना के लिए बनाई गई उपसमिति के अध्यक्ष डॉ. हरक सिंह रावत एवं मुख्यमंत्री से मुलाकात कर प्रकरण के समाधान की मांग करेगा।
इस अवसर पर जिला मंत्री मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि 2005 में प्रदेश सरकार द्वारा एलटी व प्रवक्ता संवर्ग में शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, इस दौरान कोटद्वार विधानसभा में उपचुनाव की घोषणा हो गई तथा आचार संहिता के कारण पौड़ी जनपद में नियुक्त शिक्षक एवं जनपद के शिक्षक जिनको अन्य जनपदों में नियुक्ति मिली थी, विभाग द्वारा उनके नियुक्ति पत्र रोक दिये गये, जिस कारण शिक्षक कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाये। जबकि शेष अन्य जनपदों में उसी विज्ञप्ति से नियुक्त शिक्षकों द्वारा कार्यभार ग्रहण करने से पुरानी पेंशन का लाभ ले रहे हैं। इसी दौरान केंद्र सरकार द्वारा नई पेंशन योजना लागू कर दी गई तथा संबंधित शिक्षक पारिवारिक/पुरानी पेंशन योजना से वंचित रह गए। शिक्षक इस प्रकरण को कई बार सरकार के सम्मुख रख चुके हैं लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। इसी दौरान विगत फरवरी माह 2020 में केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया 1 जनवरी 2004 से पूर्व की गई, लेकिन विभिन्न कारणों से उनके आदेश पत्र 2004 के बाद जारी किए गए थे, उनके लिए पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने का अवसर प्रदान कर आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश के अनुपालन में कोटद्वार उपचुनाव एवं पारिवारिक पेंशन योजना की विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को उत्तराखंड सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिए जाने के आदेश निर्गत करने चाहिए। बैठक में मनमोहन सिंह चौहान, मुकेश रावत, राजेंद्र भंडारी, रतन बिष्ट, परितोष रावत, कुलदीप नेगी, भास्कर राज भारद्वाज, महेश कुकरेती, महावीर सिंह, अनिल डबराल, पुष्पेंद्र मेहरा ,परमेश बिष्ट, जितेंद्र ध्यानी, कुशाल सिंह नेगी, दर्शन सिंह रावत, देवेंद्र राजपूत, आनंद कंडवाल, भारत सिंह नेगी, विनोद पंत आदि मौजूद थे।