उत्तराखंड

अतिक्रमण के नाम पर किया जा रहा लोगों को बेघर

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बागेश्वर। कपकोट क्षेत्र के लोगों ने कहा कि राज्य में भू-कानून की आड़ में राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य धर्म के लोगों को अतिक्रमण के नाम पर बेघर किया जा रहा है। राज्य में द्वेष की भावना को बढ़ाया जा रहा है। उसके संबंध में तिलाड़ी कांड की बरसी पर कपकोट की जनता द्वारा उपजिलाधिकारी के माध्यम से सीएसम को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि जंगलों से जुड़े अपने हकहकूकों की रक्षा के लिए 90 साल पहले किए गए आंदोलन और इसके दमन को याद कर क्षेत्र के ग्रामीण आज भी सिहर जाते हैं। 30 मई 1930 को टिहरी रियासत के अधिकारियों ने तिलाड़ी के मैदान में अपने हकहकूकों को लेकर पंचायत कर रहे सैकड़ों ग्रामीणों को गोलियों से भून डाला था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में एक संकट काल चल रहा है। सरकार ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर नफरत से भरा हुआ अभियान शुरू किया है जिसके दौरान वन अधिकार कानून, संवैधानिक मूल्यों एवं जनता की बुनियादी हकों की धज्जिया उड़ाई जा रही है। इसका विरोध किया जाएगा। मौके पर पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद बिष्ट, कांग्रेस ब्लक अध्यक्ष दीपक गढ़िया, समाजसेवी उमेश जोशी, चामू देवली, नगर कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश कांडपाल, प्रवीण ऐठानी, कमलेश गड़िया आदि मौजूद रहे।

 

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