जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के गीतों पर थिरके लोग
श्रीनगर गढ़वाल : बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले की पहली रात्रिकालीन सांस्कृतिक संध्या जागर सम्राट पद्मश्री डा. प्रीतम भरतवाण के नाम रही। इस मौके पर लोक संस्कृति पर आधारित लोकगीत व भजनों की प्रस्तुति पर देर रात तक लोग थिरकते रहे। सीतापुर अस्पताल प्रागंण, कमलेश्वर महादेव मंदिर मैदान में आयोजित कार्यक्रम में जागर सम्राट डा. प्रीतम भरतवाण ने खोली का गणेश, मोरी का नारैणा से सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया।
इस मौके पर उन्होंने राम गंगा नयौला, शिवजी कैलाशु रैंदा न की बेहतरीन प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध किया। इसके बाद प्रीतम भरतवाण ने मैं जांदु मेरी बसंती दूर देश पार.., चला समधणी.., बिंदुली.., सरूली मेरू जियां लगी गै.., मोरी रखा खोली सहित पवाडा, थड़िया और चौफला गीतों की एक से बढ़कर प्रस्तुति देकर पंडाल में बैठे लोगों को झूमने में मजबूर कर दिया। इस अवसर पर पंडाल में बैठ कई लोगों में देवता भी अवतरित होता दिखा। कार्यक्रम में ढोलक में सुरेंद्र, कीबोर्ड पर सुरेंद्र कोहली, तबले पर धीरज सिंह, पैड पर रजत कुमार, बांसुरी पर लखाडीत, हुड़का में बिजेंद्र ने साज दिया। साथ ही डा. प्रीतम भरतवाण के साथ पहुंचे रंगमंच के कलाकार नील शाह, श्वेता जोशी, आशीष गुसांई, निकिता नेगी, परू राणा, संगीता गुसांई, करण सिंह, पूनम सिंह ने नृत्य की सुन्दर प्रस्तुतियां देकर सब का मनमोहा। इससे पूर्व भजन संध्या का उद्घाटन कैबिनेट मंत्री एवं श्रीनगर विधायक डा. धन सिंह रावत ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मेले की हर एक शाम को बेहतरीन बनाया गया है। उन्होंने कहा कि युवाओं की फरमाइस पर 28 नवम्बर को प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास श्रीनगर पहुंचेंगे। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष सुषमा रावत, डा. दीपा रावत, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र धिरवांण, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संपत सिंह रावत, वासुदेव कंडारी, गणेश भट्ट, प्रमिला भंडारी, पूजा गौतम, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मोहन लाल जैन सहित आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राखी धनाई और अनिल गोदियाल ने किया। (एजेंसी)