टिहरी में लोगों ने देवी-देवताओं का आशीर्वाद लिया

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नई टिहरी। नववर्ष के पहले दिन स्थानीय लोगों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से आए पर्यटकों ने मंदिरों में मत्था टेक कर आशीर्वाद मांगा। सिद्धपीठ सुरकंडा देवी, चंद्रबदनी, कुंजापुरी, घंटाकर्ण मंदिर, नव दुर्गा मंदिर, सेम-मुखेम मंदिरों में सुबह से दर्शन की भीड़ रही। इसके अलावा टिहरी झील, धनोल्टी, काणाताल में भी पर्यटकों ने नए साल का जश्न मनाया। नए साल के पहले दिन बुधवार को लोगों ने मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना कर नए साल के लक्ष्य निर्धारित किए। उन्होंने शिव और देवी मंदिरों में जाकर मनोकामनाएं मांगी। सुबह से ही सुरकंडा देवी मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ लगनी शुरू हुई तो देर शाम तक जारी रही। सुरकंडा रोपवे सेवा के समन्वयक नरेश बिजल्वाण ने बताया कि सुहाने मौसम में लोगों ने रोपवे से मां सुरकंडा देवी तक मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। टिहरी बांध की झील में भी पर्यटकों का तांता लगा रहा। साल के पहले दिन 400 से अधिक लोगों ने झील में विभिन्न बोटिंग गतिविधियों का लुत्फ उठाया।
घंटाकर्ण मंदिर क्वीली डांडा में भी नए साल पर भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमडी। भक्तों ने मंदिर मे पहुंचकर मत्था टेक आशीर्वाद लिया। मंदिर के पुजारी हर्षमणि बिजल्वाण, दर्शन लाल बिजल्वाण, बीरेंद्र बिजल्वाण ने घंटाकर्ण की पूजा अर्चना कराकर श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटा। देवता के दर्शन करने के लिए लाइन लगाकर अपनी लोग बारी का इंतजार करते रहे। ढोल दमाऊ की थाप पर कई लोगों पर देवता भी अवतरित हुए। इसके अलावा धनोल्टी के इको पार्क, काणताल जंगल सफारी, चंबा, नई टिहरी, डोबरा-चांठी में भी पर्यटकों की भीड़ लगी रही।

 

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