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टिहरी के सुरकंडा में बनेगा स्थायी हेलीपैड, सीएम धामी ने रोपवे का किया उद्घाटन, मंदिर पहुंचकर किए माता के दर्शन

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नई टिहरी। सुरकंडा रोपवे का रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि रोपवे से टिहरी में पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी और अब श्रद्घालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने रोपवे से मंदिर पहुंचकर माता के दर्शन किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरकंडा में स्थायी हेलीपैड बनाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी को क्षेत्र में स्थायी हेलीपैड के लिए भूमि चिह्नित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोपवे से जहां श्रद्घालुओं को मंदिर तक पहुंचने में सुगमता होगी, वहीं स्थानीय स्तर पर क्षेत्रवासियों की आजीविका भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से केंद्र की पर्वतमाला योजना के अंतर्गत जनपदों के विभिन्न रोपवे परियोजनाओं के निर्माण की कार्यवाही गतिमान है। टिहरी जिले की 42 वर्ग किलोमीटर झील में विभिन्न साहसिक जल क्रीड़ाओं का संचालन किया जा रहा है तथा झील में पर्यटन गतिविधियों के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य में सभी क्षेत्रों में विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। 2025 में जब हम उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएंगे, उस समय उत्तराखंड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में होगा। चारधाम यात्रा में इस वर्ष लाखों श्रद्घालुओं के आने की संभावना है। राज्य में श्रद्घालुओं को हर सुविधा मिले, इसके पूरे प्रयास किए गए हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मां सुरकंडा के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से यहां श्रद्घालुओं की संख्या में तेजी से वृद्घि होगी। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत श्रद्घालुओं के लिए हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस अवसर पर टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय, धनोल्टी के विधायक प्रीतम ङ्क्षसह पंवार, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी नवनीत भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी नमामि बंसल आदि मौजूद थे।
सुरकंडा देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए बने रोपवे की लंबाई 502 मीटर है। पहले जहां श्रद्घालुओं को कद्दूखाल से डेढ़ किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर करीब डेढ़ घंटे में मंदिर तक पहुंचते थे। खासकर वृद्घ, दिव्यांग व बीमारों को खच्चरों के सहारे मंदिर तक पहुंचना पड़ता था। वहीं, अब रोपवे से मात्र दस मिनट में कद्दूखाल से मंदिर तक पहुंचा जा रहा है। उत्तराखंड राज्य गठन होने के बाद यह पहली महत्वपूर्ण रोपवे परियोजना है, जिसका निर्माण पर्यटन विभाग ने किया।

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