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नेपाल में विमान दुर्घटनाग्रस्त, क्रू-यात्रियों समेत 72 लोग थे सवारय अब तक 68 के शव मिले

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काठमांंडो, एजेंसी। नेपाल के पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर काठमांडू से आ रहा 72 सीटों वाला यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में अब तक 68 लोगों की जान जा चुकी है। बचाव कार्य जारी है। फिलहाल एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। हादसे की वजह का अब तक पता नहीं चल सका है। विमान में कुल 10 विदेशी नागरिक भी शामिल थे, जिनमें पांच भारत के थे। इनमें से किसी के भी बचने की खबर नहीं है।
हादसे की जानकारी देते हुए यति एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने बताया कि यति (ल्मजप) एयरलाइंस के विमान में कुल 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे। इसमें दो बच्चों समेत 15 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। विमान पुराने हवाई अड्डे और पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
पोखरा हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना के मद्देनजर नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल श्प्रचंडश् और गृह मंत्री रबी लामिछाने विमान हादसे वाली जगह का दौरा कर सकते हैं। दोनों आज ही पोखरा पहुंचेंगे। हादसे के कारणों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। हादसे के बाद नेपाल में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) ने बताया कि येती एअरलाइंस के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान ने सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरी थी। पोखरा इस हिमालयी देश में एक मशहूर पर्यटक स्थल है। हवाईअड्डा प्राधिकरण के मुताबिक, विमान में 53 नेपाली, पांच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियाई, एक-एक आयरिश, अर्जेंटीना और फ्रांसीसी नागरिक सवार थे।
नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल और गृह मंत्री रबी लामिछाने की पोखरा यात्रा रद्द कर दी गई है। नेपाल सचिवालय ने इसकी जानकारी दी है।
नेपाल की स्थानीय मीडिया की मानें तो हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। कुछ रिपोर्ट्स में 42 लोगों के शव बरामद किए जाने का दावा किया जा रहा है। वहीं, कुछ 35 मौतों की सूचना दे रही हैं। हालांकि, एयरलाइंस और सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
पोखरा हवाई अड्डे पर यात्री विमान दुर्घटना के बाद नेपाल सरकार ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री पुष्प कल दहल श्प्रचंडश् ने बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दे दिए हैं। सेना ने भी मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है।
भारत में नेपाल के राजदूत शंकर शर्मा ने कहा कि पोखरा में कुछ भारतीयों सहित 72 लोगों और चालक दल के सदस्यों को ले जा रहे एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से गहरा दुख हुआ। हम मृतकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। हमारे विचार और प्रार्थना इस त्रासदी से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं।
जानकारी के मुताबिक, विमान पहाड़ी से टकरा गया। लैंडिंग से पहले हुई इस दुर्घटना के बाद विमान में आग लग गई। पोखरा के समीप दुर्घटनाग्रस्त हुआ यात्री विमान ।ज्त्-72 यति एयरलाइंस का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफर्म पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में दुर्घटनास्थल से धुएं का गुबार उठता दिख रहा है। हेलीकप्टर से दुर्घटनास्थल पर एक बचाव दल तैनात किया गया है।
हादसा बेहद भयानक बताया जा रहा है। बचाव और राहत में जुटे लोगों की मानें तो हादसे में किसी के भी बचने की उम्मीद न के बराबर है। सिविल एविएशन अथरिटी ने बताया कि लैंडिंग से ठीक पहले विमान में आग की लपटें देखी गईं। इसलिए मौसम की खराबी की वजह से दुर्घटना होने की बात कहना ठीक नहीं होगा।
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नेपाल के हादसे पर दुख जताया। उन्होंने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
विमान को कैप्टन कमल केसी और असिस्टेंट कैप्टन अंजू खातीवाड़ा उड़ा रहे थे। नेपाल का विमानन दुर्घटनाओं का एक भयानक रिकर्ड रहा है। इसकी वजह आंशिक रूप से इसके अचानक मौसम परिवर्तन और दुर्गम चट्टानी इलाकों में स्थित हवाई पट्टियां हैं।
पोखरा हवाई अड्डे के नवीनीकरण के बाद प्रधानमंत्री ने एक जनवरी को ही इसका उद्झााटन किया था। हवाईअड्डे को चीन की मदद से तैयार किया गया था। बताया जा रहा है कि जो विमान हादसे का शिकार हुआ है, उद्घाटन के वक्त उसी विमान का डेमो फ्लाई किया गया था।
इससे पहले पिछले साल मई के महीने में खराब मौसम की वजह से पहाड़ी मस्तंग जिले में तारा एयर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस घटना में 22 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि खराब मौसम की वजह से विमान बाएं के बजाए दाएं मुड़ गया था। इससे विमान पहाड़ों से टकरा गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

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