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पीएम मोदी ने दूसरी बार उठाया ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले का मुद्दा

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नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान हिंदू मंदिरों में हुए हमलों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने बुधवार को सिडनी में अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी भाग लिया था। इस दौरान पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों में हुए हमलों का मुद्दा उठाया था। इससे पहले मार्च 2023 में एंथनी अल्बनीज के भारत यात्रा के दौरान भी पीएम ने अपने समकक्ष के साथ इस पर चिंता जताई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान मंदिरों की सुरक्षा पर बात की। पीएम ने एक बयान में कहा , ‘प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीजऔर मैंने अतीत में ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले और अलगाववादी तत्वों की गतिविधियों के मुद्दे पर चर्चा की है। हमने आज भी इस मामले पर चर्चा की।’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री अल्बनीजने आज मुझे एक बार फिर आश्वासन दिया कि वह भविष्य में भी ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। यह हमें स्वीकार्य नहीं है कि कोई भी अपने कार्यों या विचारधारा से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंधों को ठेस पहुंचाए।’
पिछले साल मई में शपथ लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज मार्च 2023 में अपने पहले भारत दौरे पर आए थे। चार दिवसीय यात्रा के तीसरे दिन हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी और अल्बानीज के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी, जिसके बाद पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ एक प्रेस को संबोधित किया। सबसे पहले तो उन्होंने प्रधानमंत्री अल्बनीज का भारत में उनके पहले दौरे पर स्वागत किया। वार्ता के दैरान ही मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी कट्टरपंथियों द्वारा मंदिरों की तोड़फोड़ के मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाया था।
घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए तब उन्होंने कहा था, ‘यह खेद का विषय है कि पिछले कुछ सप्ताह से ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों की खबरें नियमित रूप से आ रहीं हैं। स्वाभाविक है कि ऐसे समाचार भारत में सभी लोगों को चिंतित करते हैं, हमारे मन को व्यथित करते हैं। हमारी इन भावनाओं और चिंताओं को मैंने प्रधानमंत्री एल्बनीज के समक्ष रखा। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि भारतीय समुदाय की सुरक्षा उनके लिए विशेष प्राथमिकता है।’
हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया में भारत विरोधी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है। मंदिरों को तोड़ा गया है, भारतीय मूल के लोगों पर हमला किया गया है और यहां तक कि वाणिज्य दूतावास को भी निशाना बनाया गया है। आठ मार्च को जैसे ही अल्बानी भारत के लिए रवाना हुए, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में श्री स्वामीनारायण मंदिर को खालिस्तान समर्थकों से धमकी भरा फोन आया। उस व्यक्ति ने मंदिर के अध्यक्ष को चेतावनी दी कि हिंदुओं को खालिस्तान का समर्थन करें या गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
चार मार्च को ब्रिस्बेन में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई और इसकी दीवार पर हिंदू विरोधी नारे लिखे लिखे गए थे। मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुबह के समय श्रद्धालु मंदिर में पूजा-पाठ के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान उन्होंने देखा कि मंदिर की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
फरवरी मध्य में ऑस्ट्रेलिया में दो हिंदू मंदिरों को धमकियां दी गईं थीं। पहला मामला ब्रिस्बेन स्थित गायत्री मंदिर का था। रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर के अध्यक्ष जय राम और उपाध्यक्ष धर्मेश प्रसाद को अलग-अलग फोन आए। फोन करने वाले ने शिवरात्रि पर मंदिर में खालिस्तान समर्थक नारे लगवाने का दबाव डाला। बाद में मंदिर की जनसंपर्क अधिकारी नीलिमा ने भी कहा कि उन्हें एक अमेरिकी नंबर से कई फोन आए। वहीं, इन फोन कॉल के बाद मंदिर प्रबंधन ने वहां सुरक्षा बढ़ा दी थी। दूसरा मामला ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में काली माता मंदिर का था, जिसके पुजारी को फोन पर धमकी दी गई। पुजारी भावना को फोन कॉल करके धमकी में दी गई थी कि यदि भजन कार्यक्रम रद्द नहीं हुए तो नतीजे गंभीर होंगे। उस वक्त मंदिर का प्रबंधन आगामी धार्मिक कार्यक्रमों की तैयारी कर रहा था।
23 जनवरी को सामने आईं रिपोट्र्स के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में इस्कॉन मंदिर में खालिस्तानी समर्थकों ने कथित तौर पर तोड़फोड़ की थी। इतना ही नहीं, मंदिर में भारत विरोधी नारे भी लिखे गए थे।
इससे पहले 16 जनवरी को कैरम डाउन इलाके में स्थित श्री शिवा विष्णु मंदिर पर भी भारत विरोधी नारे लिख दिए गए थे। मंदिर में जब भारत विरोधी नारे लिखे गए, उस वक्त मंदिर में तमिल हिंदुओं द्वारा तीन दिन का थाई पोंगल त्योहार मनाया जा रहा था। 15 जनवरी को खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न में एक कार रैली निकालकर खालिस्तान पर जनमत के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें समर्थन नहीं मिल सका। मेलबर्न में भारतीय मूल की करीब 60 हजार आबादी रहती है, लेकिन रैली के दौरान कुछ सौ लोग ही मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इसी गुस्से में हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया था।
ऑस्ट्रेलिया में हिंदू आबादी तेजी से बढ़ रही है। देश में हिंदुओं की संख्या 2016 में 4,40,300 से बढ़कर 2021 में 6,84,000 हो गई। आप्रवासन की वजह से यह देश में तेजी से बढ़ने वाला धर्म बन गया है। भारत सरकार चिंतित है और इस मामले को बार-बार उठाती रही है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग और भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ने फरवरी में भी अपनी द्विपक्षीय वार्ता में इस मामले पर चर्चा की थी। सिडनी की अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर ने कट्टरपंथी गतिविधियों के खिलाफ सतर्कता की आवश्यकता पर बल दिया।

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