देश-विदेश

76वें सत्र की एक उच्च स्तरीय बैठक को भी संबोधित करेंगे पीएम मोदी

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्घ्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 सितंबर को वाशिंगटन में क्वाड समूह की बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद वह 25 सितंबर को न्यूयर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की एक उच्च स्तरीय बैठक को भी संबोधित करेंगे। गौर करने वाली बात यह कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडनखुद 24 सितंबर को व्यक्तिगत मौजूद्गी वाले पहले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। ये बैठकें अंतरराष्घ्ट्रीय कूटनीति के लिहाज से बेहद महत्घ्वपूर्ण मानी जा रही हैं। आइए जानें क्वाड शिखर सम्मेलन में क्घ्या होगा भारत का एजेंडा़.़
विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रघ्ृंगला ने सोमवार को बताया कि व्यक्तिगत मौजूद्गी वाले पहले क्वाड शिखर सम्घ्मेलन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के आमंत्रण पर भारत इसमें हिस्सा लेगा। क्वाड फ्रेमवर्क के तहत इसमें सहयोग का एजेंडा रचनात्मक होगा। क्वाड गठबंधन के चारों देश अस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका इंफ्रास्क्ट्रचर कनेक्टिविटी, उभरती तकनीक, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और कोरोना संकट पर काम कर रहे हैं। खास तौर पर कोविड-19 रोधी वैक्सीन आपूर्ति को लेकर आपसी सहयोग से काम हो रहा है।
विदेश सचिव ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक लचीला और विश्वसनीय बनाने के लिए उन्हें विश्वसनीय और विविधतापूर्ण बनाने की जरूरत है। यही जरूरत हमें एक साथ काम करने का मौका दे रही है। हम आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को लेकर की जा रही पहलकदमियों में कवाड राष्ट्रों के साथ शामिल हैं। पड़ोसी देशों से सामने आ रही चुनौतियों पर श्रृंगला ने कहा कि अफगानिस्तान और पूर्वी सीमा पर चीन हमें नई वास्तविकताओं का आभास करा रहे हैं।
विदेश सचिव का यह बयान क्घ्वाड शिखर सम्घ्मेलन के एजेंडे की ओर भी इशारा करता है। इस बयान से साफ संकेत मिल रहा है कि क्घ्वाड शिखर सम्घ्मेलन में अफगानिस्घ्तान और चीन की आक्रामकता का मुद्दा भी छाया रहेगा। अफगानिस्घ्तान में तालिबान की वापसी और पाकिस्घ्तान का तालिबान सरकार के साथ खुलकर आना बदलते अंतराष्घ्ट्रीय परिदृय की ओर इशारा करते हैं। इससे पूर्व के हुए सम्घ्मेलनों में उठाए गए मुद्दों से भी स्घ्पष्घ्ट संकेत मिलता है कि आतंकवाद अभी भी एक गंभीर चुनौती बना हुआ है। समाचार एजेंसी आरएनएस के मुताबिक हाल ही में क्वाड देशों के राजदूतों ने कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन, नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की प्रतिबद्घता के महत्व को रेखांकित किया था। यही नहीं अमेरिका बार बार हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने का संकेत देता आया है। पीटीआइ के मुताबिक क्वाड शिखर सम्मेलन में मुक्त और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र, अफगानिस्तान में जारी संकट समेत तमाम समसामयिक चुनौतियों पर चर्चा किए जाने की संभावना है। हाल ही में अमेरिका का पाकिस्घ्तान के प्रति सख्घ्त रुख भी एक बड़ा संकेत दे रहा है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि सम्घ्मेलन में क्घ्वाड देशों के नेता अपसी संबंधों को गहरा करने के साथ साथ उभरती प्रौद्योगिकियों और साइबर स्पेस पर साझेदारी के मसले पर भी ध्घ्यान केंद्रघ्ति करेंगे। सम्घ्मेलन में स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा संभव है। कोरोना महामारी के साथ साथ जलवायु संकट पर भी विचार विमर्श संभव है। वैसे मौजूदा वक्घ्त में दक्षिण चीन सागर में शी चिनफिंग की बढ़ती आक्रामकता भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!