गैर बीजेपी शासित राज्य सरकारों को गिराने के लिए सीबीआई-ईडी का इस्तेमाल कर रहे पीएम:केजरीवाल
नई दिल्ली , एजेंसी। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवााल ने केंद्र सरकार के साथ ही गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपाल व उपराज्यपाल पर जमकर निशाना साधा है। कहा है कि प्रधानमंत्री गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों को गिराने के लिए सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी कार्यशैली किसी राज्य में दूसरे दल की सरकार को काम नहीं करने देने वाली है। आरोप लगाया कि सीबीआई व ईडी से डराकर दूसरे दलों की सरकारें गिरा देते हैं। गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक इसके उदाहरण हैं। यह भी कहा कि भाजपा में जब दूसरे दल के नेता चले जाते हैं तो उन पर लगे सारे मुकदमे खत्म हो जाते हैं। हिमंत बिस्व सरमा, शुभेंदु अधिकारी, मुकुल राय व नारायण राणे पर लगे सारे मामले खत्म हो गए।
कई विपक्षी दलों द्वारा सीबीआई-ईडी के दुरुपयोग को लेकर प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी पर ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक ने प्रतिक्रिया देते हुए यह भी कहा कि अगर मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन आप का साथ छोड़ भाजपा में चले जाएं तो न वो जेल में होते और न उन पर कोई मुकदमा होता। प्रधानमंत्री गवर्नर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, केसीआर, पिनराई विजयन, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार गवर्नर से परेशान हैं, जबकि दिल्ली के उपराज्यपाल तो देश के संविधान और सुप्रीम कोर्ट को मानते ही नहीं हैं। ऐसे देश कैसे चलेगा?
मीडिया से बातचीत में केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री की कार्यशैली ऐसी है कि अगर किसी भी राज्य में भाजपा के अलावा किसी दूसरे दल की सरकार है तो वो उसे काम नहीं करने देंगे। यह बहुत ज्यादा खतरनाक है। प्रधानमंत्री किसी भी देश के एक फादर फिगर की तरह होते हैं। चुनाव में हम आपस में लड़ें, लेकिन चुनाव के बाद अगर किसी राज्य में एक बार सरकार बन जाए तो उस सरकार को मदद करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की होती है।
प्रधानमंत्री ईडी-सीबीआई से नेताओं को डराते हैं। हिमंत बिस्व सरमा पर पहले सीबीआई और ईडी के कई मामले थे। वो शारदा कांड में फंसे थे और भाजपा में आते ही उनके सारे मामले खत्म हो गए। इसी तरह शुभेंदु अधिकारी, मुकुल रय और नारायण राणे का भी मामला है। उद्घव ठाकरे की पार्टी से कई सारे विधायक तोड़े गए। इनमें कईयों पर सीबीआई और ईडी के मुकदमे चल रहे थे। भाजपा में शामिल होते ही सभी मामले उनके ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
केजरीवाल ने कहा कि ईडी-सीबीआई के अलावा गवर्नर (राज्यपाल) का इस्तेमाल किया जा रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से बातचीत करने का हवाला देते हुए कहा कि वहां 20 से ज्यादा बिल विधानसभा ने पास कर दिए हैं, लेकिन उस पर गवर्नर अपना हस्ताक्षर नहीं कर रहे। इसी तरह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने सुप्रीम कोर्ट में केस किया है कि गवर्नर बिल लेकर बैठे हैं और उस पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। केरल के सीएम पिनराई विजयन का भी यही कहना था कि विश्वविद्यालयों में कई सारे वाइस चांसलर की नियुक्ति को गवर्नर ने रद्द कर दिया। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी केंद्र की भाजपा सरकार से परेशान हैं। अगर देश का प्रधानमंत्री गैर भाजपा सरकारों को काम नहीं करने देंगे और रोज अवरोध पैदा करेंगे तो यह देश के लिए बहुत खतरनाक स्थिति है।
केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कपिल सिब्बल जाने-माने वकील हैं। सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों के पर वो काफी सक्रिय रहते हैं। उन्होंने ‘इंसाफ के सिपाही’ नाम से एक मुहिम शुरू की है। इसके जरिए वे देश के अलग-अलग हिस्सों से अलग-अलग तबके के लोगों को जोड़ना चाहते हैं। खासकर वकीलों को जोड़ना चाहते हैं। अगर दुनिया का इतिहास देखें तो अमेरिकी व फ्रांस की क्रांति और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वकीलों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। इसे लेकर वेबसाइट लांच की है। केजरीवाल ने वकीलों और आम जनता से अपील की है कि वह सिब्बल के पहल से जुड़े और साथ दें।