कोटद्वार-पौड़ी

विकास की दौड़ में पिछड़ता मंडल मुख्यालय पौड़ी

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मुकेश चंद्र आर्य
पौड़ी। समय कैसे बदल जाता है। यह हमें महसूस नहीं होता। किसी जमाने में ब्रिटिश गढ़वाल की राजधानी रही पौड़ी आज उपेक्षाओं की कहानी बन गई है। कभी किसी ने सोचा नहीं होगा कि उत्तराखंड को पांच-पांच मुख्यमंत्री देने वाला पौड़ी आज अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए ही जूझेगा।
जी हां ये बात बिल्कुल सही है कि आज पर्यटन नगरी पौड़ी अपने आस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। पूरे पर्वतीय क्षेत्र को अलग राज्य बनाने का बिगुल बजाने वाले पौड़ी में आज लोगों को पानी, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार आदि के लिए जिलाधिकारी के आगे दुखड़ा रोना पड़ रहा है। शुक्रवार को पौड़ी के व्यापार सभा ने शहर की मूलभत समस्याओं को लेकर डीएम से मुलाकात की, तो विकास की दौड़ में पिछड़ते पौड़ी का दर्द भी छलक उठा। उन्होंने विकास की दौड़ में पिछड़ते पौड़ी और उसे लगातार हाशिये पर रखे जाने वाले पौड़ी का दु:ख डीएम के सामने रखा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य को सबसे अधिक मुख्यमंत्री देने वाला पौड़ी आज अपनी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि पौड़ी में बीते एक महीने से पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई है। शहर की सड़कों की हालत ऐसी है कि पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्डा है या गड्ढों में सड़क है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी जिला अस्पताल में बद से बदत्तर हालत में है। आलम यह है कि प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को अपग्रेड करने के लिए जिला अस्पताल पौड़ी को पीपीपी मोड पर संचालित कर दिया है। बावजूद इसके स्वास्थ्य सुविधाएं जस की तस है।
पौड़ी का कौन कब रहा मुख्यमंत्री
राजनीति के मामले में पौड़ी अन्य जिलों का सिरमौर कहा जाय तो गलत नहीं होगा। ब्रिटिश गढ़वाल की राजधानी पौड़ी ने अविभाजित उत्तर प्रदेश को स्व हेमवंती नंदन बहुगुणा के रूप मे पौड़ी से सर्वप्रथम मुख्यमंत्री दिया था। स्व. बहुगुणा उत्तर प्रदेश में वर्ष 1973 से 75 तक बतौर 9वें मुख्यमंत्री पदासीन हुए।
1- उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पौड़ी के लोगों का मुख्यमंत्री बनने का काफिला चल पड़ा। जिसमें राज्य के तीसरे निर्वाचित और पौड़ी से पहले सीएम बने बीसी खंडूड़ी। वे वर्ष 2007 से 2009 तक मुख्यमंत्री रहे।
2- रमेश पोखरियाल निशंक पौड़ी से दूसरे सीएम बनने वाले व्यक्ति रहे। वे वर्ष 2009 से 2011 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे।
3- एक बार फिर आया खंडूड़ी युग। वे उत्तराखंड सरकार में 2011 से 2012 तक सीएम रहे। हालांकि खंडूड़ी के इस युग को उनके पहले के कार्यकाल से ही जोड़कर देखा जाता है।
4- उत्तराखंड के 7वें और पौड़ी के चौथे सीएम बने विजय बहुगुणा। वे 2012 से 2014 तक उत्तराखंड के सीएम रहे।
5-अब फिर से पौड़ी जिले के ही त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रदेश के 9वें मुख्यमंत्री बने। वे पौड़ी से चौथे सीएम बने। वे वर्ष 2017 से 2021 तक सीएम रहे।
6-प्रदेश में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदला और सीएम बनाने की बात आई तो फिर याद आया पौड़ी । यहाँ भी पौड़ी के ही तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया। और वे बन गए रिकॉर्ड तोड़ पांचवे सीएम। हालांकि उनका कार्यकाल महज 114 दिन का ही रहा। लेकिन पौड़ी ने एक बार फिर अपना ही रिकॉर्ड बनाया।

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