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पूर्व मंत्री बोले पाखरौ में टाइगर सफारी सेंटर से कोटद्वार को कोई फायदा नहीं

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। प्रदेश के पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कार्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी सेंटर को कोटड़ीढांग सनेह क्षेत्र की जगह पाखरौ में संचालन सेंटर बनाये जाने सवाल उठाये है। उन्होंने कहा कि पाखरौ में टाइगर सफारी संचालन सेंटर बनाये जाने से कोटद्वार सहित जनपद वासियों को कोई फायदा नहीं होगा। यदि टाइगर सफारी संचालन सेंटर कोटड़ीढांग सनेह में बनाया जाता तो कोटद्वार सहित जनपद वासियों को बहुत लाभ मिलता। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के द्वारा स्वीकृत योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करने में लगी हुई है, प्रदेश सरकार की कोई भी योजना अभी तक धरातल पर मूर्त रूप धारण नहीं कर पायी है।
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने प्रेस को जारी विज्ञिप्त में कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2014-15 में टाइगर सफारी के लिए मुख्य संचालन केन्द्र पाखरौ के बदले कोटड़ीढांग सनेह क्षेत्र में करने के लिए नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथोरिटी (एनटीसीए) को प्रस्ताव भेजा गया था। जिस पर विभाग के द्वारा सैद्वान्तिक सहमति भी मिल गई थी। विभाग की सैद्घान्तिक सहमति के आधार पर प्रदेश सरकार के द्वारा डीपीआर बनाकर प्रस्ताव सम्बधित विभाग को भेज दिया था। उन्होंने कहा कि कार्बेट नेशनल पार्क का अधिकांश भाग जनपद पौड़ी गढ़वाल में है, लेकिन अभी तक पौड़ी जनपद सहित कोटद्वार वासियों को कार्बेट नेशनल पार्क का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि पाखरौ में टाइगर सफारी संचालन का केन्द्र बन जाने से अभी भी जनपद वासियों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। वर्तमान में एक ओर जहां टाइगर सफारी के व्यापक आकार भी को हटा दिया गया है, वहीं दूसरी ओर कालागढ-पाखरौ- रामनगर वन मार्ग पर जीएमओयू सहित प्राइवेट वाहनों के संचालन को भी पिछले तीन साल से बंद कर दिया गया है, जिससे टाइगर सफारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में उक्त वन मार्ग पर बसों एवं प्राइवेट वाहनों का संचालन होता रहा।

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