प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के सपने पर सीएससी टीम लगा रही पलीता, खाते से कटे 43 हजार 8 सौ रूपये नहीं जमा हुआ विद्युत बिल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। बेरोजगारों के लिए सीएससी यानि कॉमन सर्विस सेंटर स्वरोजगार के विकल्प के रूप में उभरा है। गांवों को डिजिटल प्लेटफॉर्म मिला और युवाओं को खुद का रोजगार शुरू करने का मौका मिला। लेकिन इस डिजिटल प्लेटफॉर्म की तकनीकी का खामियाजा सीएससी संचालक को भुगतान पड़ रहा है। ताजा मामला कोटद्वार भाबर में प्रकाश में आया है। एक व्यक्ति द्वारा कलालघाटी स्थित एक सीएससी सैंटर से बिजली के बिल का भुगतान किया था जो ना तो विद्युत विभाग तक पहुंचा और ना ही वापस सीएससी संचालक को मिल पा रहा है। सीएससी संचालक की ओर से राज्य स्तरीय सीएससी टीम को मेल द्वारा अगवत कराया गया, लेकिन सात दिन बाद कार्यवाही न होने पर सीएम पोर्टल में शिकायत दर्ज कराई गई है। जिससे अब लोगों का सीएससी के प्रति विश्वास कम होते दिख रहा है। जिसे लगता है कि प्रधानमंत्री के डिजीटल इंडिया को सीएससी ठेंगा दिखा रहा है।
शुरुआती दौर में पैनकार्ड, बिजली, एलआईसी प्रीमियम और बैंकिंग मित्र जैसी सुविधाएं थीं। अब सीएससी पर सर्विसेस का दायरा भी 450 तक पहुंच गया है। यानि एक ही सेंटर पर शासन की 450 सेवाओं का ग्रामीण क्षेत्र के लोग बिना शहर जाए लाभ ले रहे हैं। चूंकि एक गांव में कितने भी सीएससी सेंटर हो सकते हैं, इस कारण भी लगातार रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। सीएससी का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमिता पर फोकस, सरकारी व गैर सरकारी सेवाओं में एजेंट के रूप में काम करना है। अब हर गांव डिजिटल हो गया है। किंतु वर्तमान में प्रकाश में आया है कि एक व्यक्ति द्वारा कलालघाटी स्थित एक सीएससी सैंटर से बिजली के बिल का भुगतान किया था जो भुगतान ना तो विद्युत विभाग तक पहुंचा और ना ही वापस उक्त व्यक्ति को मिल पा रहा है। कलालघाटी निवासी सीएससी संचालक विकास वर्मा ने बताया कि विगत 15 अक्टूबर को उन्होंने सीएससी के माध्यम से एक व्यक्ति का 43 हजार 8 सौ 61 रूपये के बिजली के बिल का भुगतान किया था, लेकिन यह धनराशि न तो विद्युत विभाग के खाते में जमा हुई ना ही उनके खाते में वापस आई है। उक्त व्यक्ति रोज सीएससी सेंटर के चक्कर लगा रहा है, क्योंकि बिल जमा न होेने पर विद्युत विभाग लाइन कोटने की बात कह रहा है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में एक सप्ताह पूर्व सीएससी के आला अधिकारियों को शिकायत कर दी गई थी किंतु अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। जिस पर उन्होंने सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा दी है। उधर, सीएससी के जिला प्रबन्धक मनोज नैथानी ने बताया कि मामला संज्ञान में है। इस संबंध में दो बार सीएससी की राज्यस्तरीय टीम से की जा चुकी है।