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संक्रमण के बीच अब तैयारियां कम पड़ती नजर आ रही

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देहरादून। प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच अब तैयारियां कम पड़ती नजर आ रही हैं। प्रदेश में इस समय आक्सीजन और आइसीयू बेड की खासी कमी होने लगी है। स्थिति यह है कि कई बार आक्सीजन व आइसीयू न मिलने पर मरीज दम तोड़ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार अब लगातार व्यवस्था को बढ़ाने में जुटी हुई हैं। हालांकि इसमें अभी समय लगेगा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर खासी घातक साबित हुई है। प्रदेश में इस समय 76 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं। पाजिटिविटी रेट 6.25 फीसद चल रहा है और यह लगातार बढ़ रहा है। इस समय सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती आइसीयू और आक्सीजन बेड की उपलब्धता को लेकर है। दरअसल, अभी तक संक्रमण को लेकर जो अध्ययन हुआ है उसमें यह बात सामने आई है कि कुल एक्टिव केस में 17 फीसद को आक्सीजन बेड और तीन प्रतिशत को आइसीयू की जरूरत पड़ती है। इस लिहाज से प्रदेश को मौजूदा एक्टिव केस के हिसाब से 12900 आक्सीजन बेड और 2280 आइसीयू चाहिए। प्रदेश में इस समय 5500 आक्सीजन बेड, 1390 आइसीयू और 876 वेंटिलेटर हैं। जाहिर है कि मौजूदा परिस्थितयों में उपलब्ध संसाधन कम हैं। एक अच्छी बात यह है कि प्रदेश में इस समय अधिकांश मरीज होम आसइसोलेशन में हैं और जरूरत पड़ने पर घर में ही आक्सीजन भी ले रहे हैं। संसाधनों की कमी को देखते हुए प्रदेश सरकार लगातार आइसीयू और आक्सीजन बेड बढ़ाने में जुटी हुई है। इसके लिए डीआरडीओ के सहयोग से प्रदेश में जल्द ही 1200 आक्सीजन बेड और 200 आइसीयू बेड मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा कई अन्य चिकित्सालयों को कोविड केयर चिकित्सालयों में परिवर्तित किया जा रहा है, जहां आक्सीजन बेड बढ़ाए जा रहे हैं।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी का कहना है कि प्रदेश में अभी तक आक्सीजन बेड की कमी महसूस हो रही थी लेकिन अब यह काफी कम हुई है। यह बात जरूर है कि आइसीयू बेड के मामले में अभी थोड़ी स्थिति विकट है। नए आक्सीजन व आइसीयू बेड बढ़ाने पर काम चल रहा है। उम्मीद है कि व्यवस्था जल्द दुरुस्त हो जाएगी।

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