उत्तराखंड

अस्पतालों की स्थिति पर 4540 पन्नों की रिपोर्ट पेश की

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रदेश के अस्पतालों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में 4540 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने इनकी रीडिंग कर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट से आठ सप्ताह का समय देने को कहा है, जिससे प्रदेशभर के अस्पतालों की वास्तविक स्थिति का पता चल सके। लोगों को अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगस्त माह के अंतिम सप्ताह की तिथि तय की है। सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। टिहरी निवासी शांति प्रसाद भट्ट ने 2013 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि टिहरी जिले के अस्पतालों में मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं बहुत लचर स्थितियों में हैं, जिसको कोर्ट ने गम्भीरता से लिया। सरकार को निर्देश दिए थे कि प्रदेश के सभी अस्पतालों का सर्वे करें। साथ में यह भी कहा था कि अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं और कौन सी नहीं, इसकी रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट को अवगत कराएं। सरकार ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का सर्वे करने के बाद 4540 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की, जिसे बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया।

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