उत्तराखंड

विवि में स्वामी विवेकानंद के विचारों पर तैयार होगा समृद्घ पाठ्यक्रमरू प्रो़ सतपाल सिंह बिष्ट

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शिक्षा संकाय में आयोजित हुआ एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार
अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अडिटोरियम में रामष्ण कुटीर और शिक्षा संकाय की ओर से भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में स्वामी विवेकानंद के विचारों का समावेश पर आयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित हुआ। सभा को संबोधित करते हुए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक व्यक्ति नहीं वरन एक संस्थान थे, उनके नाम पर कई देशों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोध एवं अनेक शिक्षण संस्थान चल रहे हैं। कहा कि उनके विचारों, आदर्शों, कार्यों, संस्कारों, धर्म को पाठयक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। जिसके लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न परिसरों के निदेशकों, संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों एवं विवि के कर्डिनेटरों के साथ बैठक कर स्वामी जी के समृद्घ साहित्य पर पाठ्यक्रम तैयार करेंगे। पूर्व कुलपति प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद का पूरा जीवन ही युवाओं के लिए प्रेरणा है। परिसर निदेशक प्रो़ प्रवीण बिष्ट ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में हुईं धर्म सम्मेलन में हिन्दू सनातनी धर्म का झंडा बुलंद किया। शिक्षा संकाय की डीन व विभागाध्यक्ष प्रो़ भीमा मनराल ने कहा कि स्वामी जी ने पूरे विश्व को हिन्दू धर्म, आध्यात्म और संस्कारों से जोड़ने की सीख दी है। रामष्ण कुटीर अल्मोड़ा के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेशानंद महाराज ने कहा कि आज भी स्वामी जी के विचार, आध्यात्म और योग युवा पीढ़ी के लिए अनुसरण योग्य है। युवाओं को स्वामी जी के बताए गए मार्ग पर चलने का प्रयास करना होगा। वहीं, लोहाघाट मायावती आश्रम के अध्यक्ष स्वामी शुद्घिदानंद महाराज ने कहा कि विवेकानंद जी के दर्शन को केवल पढ़ना ही नहीं चाहिए अपितु उनके आदर्शों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस अवसर पर न्यूजीलैंड, क्रोशिया, यूएसए और बांग्लादेश से अनेक शिक्षाविदों ने वर्चुअल माध्यम से सेमीनार में भागीदारी कर अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर साढ़े तीन सौ से अधिक शोध पत्रों का वाचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ चंद्र प्रकाश चंद्र फुलोरिया ने किया। इस मौके पर रामष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी आत्मश्रद्घानंद महाराज, बाग्लादेश विवि ढाका के प्रो मिल्टन देव, स्विट्जरलैड के डॉ आशुतोष उर्स स्ट्रोबेल, रामष्ण बेलुर मठ के स्वामी वेदनिष्ठानंद महाराज, क्रोशिया की शिक्षाविद् मरीना, प्रो केएन पांडे, प्रो हामिद अंसारी, प्रो शेखर चंद्र जोशी, डॉ रिजवाना सिद्दीकी, डॉ ममता असवाल, डॉ संगीता पंवार, भाजयुमो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुंदन लटवाल, प्रकाश भट्ट, मनदीप टम्टा सहित शोधार्थी एवं बीएड, एमएड के छात्र मौजूद रहे।

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