प्रकाश गढ़वाली की मदद को बढ़े हाथ, उत्तराखण्ड लोक साहित्य एवं सांस्कृतिक मंच ने की मदद
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में भर्ती उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोक कलाकार प्रकाश गढ़वाली की मदद के लिए लोगों के हाथ बढ़ने शुरू हो गये है। उत्तराखण्ड लोक साहित्य एवं सांस्कृतिक मंच की ओर से प्रकाश गढ़वाली के खाते में 5 हजार रूपये नगद जमा कराये गये है।
यह जानकारी देते हुए मंच के सचिव कैप्टन पीएल खंतवाल ने कहा कि मंच के अध्यक्ष सत्यप्रकाश थपलियाल एवं अन्य सदस्यों द्वारा उत्तराखण्ड की लोक सांस्कृतिक विरासत को समर्पित मुफलिसी की जिंदगी में जी रहे लोक कलाकार प्रकाश गढ़वाली के अस्वस्थ होने पर सहयोग करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत मंच ने दैनिक जयन्त द्वारा उपलब्ध कराये गये खाता संख्या में 5 हजार की रूपये की धनराशि डालकर प्रकाश गढ़वाली का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया गया है।
ज्ञातव्य हो कि दैनिक जयन्त के 26 मई 2021 के अंक में उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत का संवाहक मुफलिसी में जी रहे लोक कलाकार प्रकाश गढ़वाली को दरकार है इलाज की नामक शीर्षक से समाचार पत्र प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। समाचार में जानकारी दी गई थी कि उत्तराखण्ड राज्य बनने के बीस साल बाद भी उसकी सांस्कृतिक विरासत को संजोये रखने वाले लोक कलाकारों की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई ठोस नीति न पाने के कारण उत्तराखण्डी संस्कृति और परम्पराओं को जीवित रखने वाले ऐसे लोग आपदा के समय इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे है। ऐसे ही कलाकारों में रामरतन काला जहां मुफलिसी में दम तोड़ बैठे है, वहीं गढ़वाली गीतों, नाटकों के माध्यम से उत्तराखण्ड संस्कृति को समर्पित कलाकार प्रकाश गढ़वाली अपने आर्थिक मुफलिसी में बेहतर इलाज के लिए मदद की गुहार लगा रहे है। वर्तमान में प्रकाश गढ़वाली कोटद्वार बेस हॉस्पिटल से हायर सेंटर रैफर होने के बाद हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में भर्ती है।
प्रकाश गढ़वाली को अस्वस्थता होने पर कोटद्वार बेस चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। जहां पर क्षेत्रीय विधायक एवं जिला पौड़ी गढ़वाल कोविड प्रभारी मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने उनका हालचाल जानकर बेहतर इलाज देने की बात कही थी। जिस पर दो दिन बाद प्रकाश गढ़वाली को कोटद्वार बेस चिकित्सालय द्वारा हायर सेंटर रैफर कर दिया गया था। प्रकाश गढ़वाली उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार के रहने वाले उत्तराखण्ड संस्कृति के सुप्रसिद्ध लोक कलाकार है। उन्होंने आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए काम किया है। उन्होंने श्रीदेव सुमन, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, कण्वाश्रम की महिमा, माधो सिंह भंडारी, तीलू रौतेली, जीतू बग्डवाल, रामी बौराणी, बावन गंदूकी, धरती आदि ऐतिहासिक गीत एवं नाटिकाओं का मंचन किया है। साथ ही देवी दंव्यनों की स्वाणी धरती, बड़ी आस करी अदो हे बाबा, बेटी बचावा बेटी पढ़ावा समेत कई अन्य सुप्रसिद्ध गीत, लेख एवं कविताएं लिखी। इसके साथ ही आप उत्तराखंड के जाने माने गीतकार व संगीतकार है। कई राज्यों ने आपको पुरस्कृत भी किया है।