उत्तराखंड

रोगी की बात सुनने में दक्ष हों मनोविज्ञान के छात्र

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हरिद्वार(आरएनएस)। गुरुकुल कांगड़ी विवि में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो़ राकेश कुमार ने कहा कि मनोविज्ञान के छात्र को मानसिक व्याधि से पीड़ित व्यक्ति की समस्या को मन से सुनने के कौशल में दक्ष होना अनिवार्य है, तभी वह उसकी समस्याओं का प्रभावशाली निदान और उपचार कर सकता है। प्रो़ राकेश कुमार ने कहा कि देश में मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित लोगों की संख्या अच्छी खासी है, मगर उसके सापेक्ष मनोनिदान की सेवाओं का नितांत अभाव है। इस अभाव को मनोविज्ञान की अकादमिक शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को पूरा करना चाहिए। विभाग के सह-प्रोफेसर ड़ अरुण कुमार ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के उन्नयन के लिए हमें अपनी जीवनशैली में सुधार करने की आवश्यकता है। विभाग के सहायक प्रो़ ड़ दीपक कुमार ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए आत्मसंवाद बेहद जरूरी है, जब तक मनुष्य खुद के सत्य से भागता रहता है, तब तक वह जटिल मनोवैज्ञानिक समस्याओं से पीड़ित होता रहता है। विभाग के शोध अध्येताओं विपिन कुमार, निकिता श्रीवास्तव, सिद्घान्त चौधरी, प्रशांत कुमार, प्रियंका सोनी, सौरभ उनिया, सृष्टि मनचंदा, सुधीर रोहिला आदि ने मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। शोध छात्रा नैना ने कविता का पाठ किया। मनोविज्ञान विभाग के शोध छात्रों ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक शर्ट फिल्म का प्रदर्शन भी किया। संचालन ड़ विपुल भट्ट ने किया। इस अवसर पर ड़ अजित तोमर, ड़ सुनील कुमार ड़ मनोज कुमार चौहान, ड़ नवीन पंत, ड़ विक्रम सिंह, ड़ अनुज कुमार, ड़ रोशनलाल, जसबीर सहित विभाग के रजत सिंह, शिवि त्यागी,गायत्री साहू,राशी गुप्ता, महिमा पँवार, आँचल शर्मा आदि शोध छात्र-छात्राए उपस्थित रहे।

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