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सिद्घू मूसेवाला हत्याकांड में छह लोग देहरादून से पकड़े, पंजाब एटीएस और उत्तराखंड पुलिस को मिली सफलता

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देहरादून। पंजाब में कांग्रेस नेता एवं गायक सिद्घू मूसेवाला हत्याकांड में छह संदिग्ध को सोमवार को पंजाब पुलिस व उत्तराखंड की एसटीएफ ने देहरादून से दबोच लिया। पुलिस ने बताया कि इनमें से एक आरोपित ने हत्याकांड में प्रयुक्त असलाह और वाहन उपलब्ध कराया था। इसके बाद आरोपित अपने साथियों के साथ हेमकुंड साहिब यात्रा पर उत्तराखंड में आ गया।
सोमवार को जब वह वापस लौट रहे थे, तब शिमला बाइपास पर उन्हें दबोच लिया गया। आरोपित लारेंस विश्नोई गिरोह का सदस्य है। पंजाब पुलिस एवं एसटीएफ समेत गोपनीय तंत्र ने हिरासत में लिए सभी आरोपितों से नयागांव पुलिस चौकी में एक घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद सभी को पंजाब पुलिस अपने साथ ले गई।
पंजाब के मानसा में बदमाशों ने सिद्घू मूसेवाला की रविवार को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। सोमवार को इस मामले में एक मोबाइल की लोकेशन तलाश करते हुए पंजाब पुलिस की एंटी गैंग टीम ने देहरादून पहुंच उत्तराखंड एसटीएफ से मदद मांगी। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पंजाब पुलिस को सुराग लगा था कि हमलावरों को मानसा के रहने वाले मनप्रीत सिंह ने असलाह व वाहन उपलब्ध कराए थे और वह हेमकुंड साहिब यात्रा से लौट रहा है।
मोबाइल लोकेशन के आधार पर पंजाब पुलिस व एसटीएफ ऋषिकेश से देहरादून आने वाले मार्ग पर तैनात हो गई। टीम ने आइएसबीटी के पास आरोपितों की कार (पीबी-04क्यू-3936) को रोकने का प्रयास किया, लेकिन कार शिमला बाइपास से पांवटा साहिब (हिमाचल प्रदेश) जा रहे मार्ग की तरफ मुड़ गई।
पुलिस उनकी कार के पीटे लग गई और कुछ दूरी पर नयागांव पुलिस चौकी की टीम को अलर्ट कर दिया गया। चौकी के बाहर पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर यातायात जाम कर दिया। जैसे ही आरोपितों की कार जाम में फंसी, पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। वाहन में छह युवक थे, सभी को हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस के अनुसार मनप्रीत की भूमिका हत्याकांड में स्पष्ट है, लेकिन बाकी पांच संलिप्त हैं या नहीं, यह जानकारी पंजाब पुलिस ही दे सकती है।
पंजाब पुलिस की सूचना के बाद देहरादून शहर से बाहर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर उत्तराखंड एसटीएफ व जिला पुलिस की नाकेबंदी कर दी गई। दून से पांवटा साहिब होकर हरियाणा व पंजाब की तरफ दो मुख्य मार्ग जाते हैं। इनमें एक शिमला बाइपास व दूसरा बल्लूपुर चौक-प्रेमनगर-हरबर्टपुर होते हुए है। तीसरा मार्ग सहारनपुर की ओर होते हुए जाता है। आरोपित जिधर से जाते, वहीं दबोच लिए जाते।
मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस को आरोपितों के पल-पल की जानकारी तो मिल रही थी, लेकिन पुलिस उन्हें भीड़भाड़ में दबोचना नहीं चाहती थी। आशंका जताई गई कि आरोपितों के पास असलाह भी हो सकते थे। ऐसे में अगर भीड़ में गोलीबारी होती तो जनता को खतरा था। इसलिए उन्हें शहर के बाहर पकड़ने की योजना पर काम किया गया।

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