दिल्ली हाईकोर्ट नाराज, कहा- 80 साल के बुजुर्गों ने जी लिया अपना जीवन, युवाओं को दें प्राथमिकता
नई दिल्ली , एजेंसी। उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते हुए कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि टीकाकरण में हम अपने युवाओं को दरकिनार कर रहे हैं और बुजुर्गों को तरजीह दे रहे हैं, जबकि देखने में आ रहा है कि संक्रमण की वजह से युवा अपनी जान गवां रहे हैं।
अदालत ने केंद्र सरकार को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण में युवाओं को प्राथमिकता देने का सुझाव देते हुए कहा कि युवाओं को बचाने की जरूरत है, क्योंकि वे देश के भविष्य हैं। 80 साल के बुजुर्गो ने अपना जीवन जी लिया है, यदि संसाधनों की कमी है तो युवाओं के बारे में सोचना चाहिए।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान वैक्सीन की कमी पर गंभीरता जताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में केंद्र सरकार की मौजूदा टीकाकरण नीति संतोषजनक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने शुरुआत में 45-60 साल केलोगों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगोंका टीकाकरण शुरूकिया और अब इसे 18 साल के युवाओं के लिए भी शुरूकर दिया, लेकिन उनका टीकाकरण नहीं हो पा रहा।
खंडपीठ ने नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पर्याप्त टीका नहीं था तो आपने 18 वर्ष से ऊपर के युवाओं के लिए टीकाकरण की घोषणा ही क्यों की? पीठ ने कहा कि हमें भविष्य में आगे बढ़ना है, भविष्य में आराम नहीं करना है। अदालत ने युवाओं के टीकाकरण की प्रक्रिया के बंद होने पर नाराजगी जताते हुए कहा टीकाकरण में हम अपने युवाओं को दरकिनार कर रहे हैं और बुजुर्गों को तरजीह दे रहे हैं।