पूर्व विधायक भंडारी ने आपदा प्रभावित रैणी गांव जाकर सुनी प्रभावितों की समस्याएं
-दुख की इस घड़ी में कांग्रेस पार्टी प्रभावितों के साथ :भंडारी
चमोली। पूर्व काबीना मंत्री व बदरीनाथ के पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी ने आपदा प्रभावित रैणी गांव जाकर प्रभावितों की समस्याएं सुनी। इस दौरान उन्होंने भरोसा दिलाया कि दुख की इस घड़ी में कांग्रेस पार्टी प्रभावितों के साथ है। भंडारी ने आपदा में लापता हुए परिवारों से भी मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। रैणी गांव के प्रभावितों ने बताया कि उनके कई स्वजन आपदा में लापता हैं। उन्होंने रेस्क्यू में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद लापता व्यक्तियों का कुछ पता नहीं चल पाया है। कहा कि गांव के अधिकतर घरों में चूल्हा नहीं जल रहा है। इस पर पूर्व मंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों के हकों को लेकर कांग्रेस हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी। अगर जरूरत पड़ी तो सरकार के विरुद्ध आंदोलन भी किया जाएगा। इस अवसर पर प्रवक्ता तेजवीर कंडेरी, धर्मेंद्र सिंह पाल, हरेंद्र सिंह राणा, ज्योति राणा, ग्राम प्रधान शोभा राणा आदि मौजूद थे।
प्रभावितों को बांटी राहत सामग्री: आपदा प्रभावित रैणी, तपोवन घाटी में संस्थाओं की ओर से लगातार मदद पहुंचाई जा रही है। संस्था कासा दिल्ली व जनदेश उर्गम घाटी की ओर से आपदा प्रभावित क्षेत्र रैणी वल्ली में 30 परिवारों को राहत वितरण किया गया। वहीं ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट से प्रभावित नेपाली मूल के मजदूर परिवारों को सुनील में जाकर सहायता दी गई। पैंया, चोरमी, चांचड़ी, सुभांई में भी राहत सामग्री वितरित की गई। इस अवसर पर रघुवीर सिंह चौहान, देवी सिंह रावत, वीरेंद्र सिंह चौहान, भगवान सिंह शामिल थे।
रैणी के विस्थापन की मांग: पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी के नेतृत्व में आपदा प्रभावित रैणी के ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर ग्रामीणों के विस्थापन की मांग की है। ज्ञापन में प्रभावितों का कहना है कि आपदा के लंबे समय बाद भी तपोवन जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे व्यक्तियों को अभी तक नहीं निकाला गया है। रेस्क्यू में लेटलतीफी के कारण प्रभावितों की सांसें अटकी हुई हैं। रैणी के ग्रामीण अभी भी टूटे-फूटे घरों में रह रहे हैं, जिससे खतरा बना हुआ है। अन्य प्रभावित गांवों की स्थिति भी कमोबेश यही है। एनटीपीसी की तर्ज पर ही ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में लापता हुए व्यक्तियों के आश्रितों को भी मुआवजा देने की मांग की। ज्ञापनदाताओं में पूर्व जिला पंचायत सदस्य ज्योति राणा, जैमा देवी, मंजू देवी, भवान सिंह राणा, लक्ष्मण सिंह, मीना डिमरी, सुखदेव सिंह, देवेश्वरी आदि शामिल हैं।