पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सोशल मीडिया से कराया विरोध दर्ज

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विरोध दर्ज कराने के लिए कर्मचारियों ने सोशल मीडिया को मंच बनाया। उन्होंने हाथों पर पोस्टर लेकर सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें पोस्ट की हैं। इसके माध्मय से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से पुरानी पेंशन बहाल करने की पुरजोर मांग की है। कर्मचारियों का कहना है यदि एनपीएस पेंशन योजना इतनी कारगर है तो विधायकों और सांसदों को भी यही पेंशन योजना दी जानी चाहिए। जिन्हें दो बार पद में रहने पर दो पेंशन मिलती हैं। जबकि कर्मचारियों को एक पेंशन भी देय नहीं है। कर्मचारियों का कहना है आज देश की सामरिक व आर्थिक स्थिति यदि सही नहीं है तो कर्मचारियों के धन को देश हित में उपयोग कर, उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दे सकती है।
7 जून को ओपीएस के लिए एक दीपक आंदोलन के बाद संयुक्त मोर्चा ने 21 जून को उत्तराखण्ड राज्य में राजकीय कर्मचारियों ने राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की पहल पर बीपी सिंह रावत के राष्ट्रीय नेतृत्व में एक राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता अभियान चलाया। समस्त एनपीएस कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर पोस्टर के माध्यम से सीधे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित करते हुए पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। राज्य के समस्त अधिकारी, शिक्षक कर्मचारियों ने उक्त कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। चार्ट व पोस्टर पर पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लिखते हुए राज्य के समस्त एनपीएस कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए जनप्रतिनिधियों व अन्य कर्मचारियों को टैग भी किया। जिले भर में हजारों कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी। संयुक्त मोर्चे के प्रदेश संयोजक मिलिन्द बिष्ट का कहना है कि एनपीएस कर्मचारियों को बिना भरोसे में लिए एक थोपी गई योजना है। आज देश की समस्त राजकीय संस्थाएं मोर्चे के साथ पुरानी पेंशन की बहाली की मांग में लामबंद हो रही हैं। सरकारों को यह समझना चाहिए कि अधिक देर तक इस मांग को दबाया नहीं जा सकता। पेंशन को एक व्यक्तिगत राजनीतिक मुद्दा होने से बचाना भी मोर्चे के परम कर्तव्यों में से एक है। सीताराम पोखरियाल मंडलीय सचिव राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखण्ड ने सोशल मीडिया पर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का अभार व्यक्त किया।

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