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पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया मामले में दायर अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

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नैनीताल। उच्च न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास-भत्ता व अन्य देयकों की वसूली के आदेश का अनुपालन करने को लेकर रूरल लिटिगेशन एंड इंटाइटलमेंट केंद्र (रुलक) देहरादून की अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। मामले में कोर्ट ने सरकार व पूर्व मुख्यमंत्रियों को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
अवमानना याचिका की पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से जबाव दाखिल करने को कहा था । मुख्य सचिव की ओर से 10 सितंबर को इस सम्बंध में जबाव दाखिल कर दिया गया है । जिसमें कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चन्द्र खंडूरी व विजय बहुगुणा ने आवास किराया जमा कर दिया है । जबकि पूर्व सीएम स्व नारायण दत्त तिवारी की पत्नी को भी भुगतान जमा करने का नोटिस दिया है जो अभी तक जमा नहीं हुआ है।
सरकार की ओर से पूर्व सीएम को बिजली पानी का बकाया बिल जमा करने को नोटिस दिया गया है।बिजली पानी के बिल कोश्यारी के नाम 11लाख,विजय बहुगुणा के नाम 4 लाख, खंडूरी के नाम 3़89लाख,ड निशंक के नाम 10़60लाख व स्व नारायण दत्त तिवारी के नाम 21़75 लाख लंबित हैं ।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है, लिहाजा दो सप्ताह का समय दिया जाए। पूर्व सीएम की ओर से जवाब दाखिल करने को समय मांगा गया। जिसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए नियत कर दी।

हरिद्वार में भगदड़ में 20 लोगों की मौत मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा समग्र दस्तावेज
नैनीताल। हाईकोर्ट ने आठ नवम्बर 2011 को शांति कुंज हरिद्वार में हवन के दौरान मची भगदड़ में 20 लोगों की मौत और 67 लोगों के घायल होने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार से अगले सोमवार तक घटना के समस्त दस्तावेज पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ में न्यायमूर्ति्त आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई।
अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि शांति कुँज हरिद्वार के परमाध्यक्ष प्रणव पांडिया ने अपने गुरु श्रीराम शर्मा की 11 नवम्बर 2011 को जन्म शताब्दी मनाई थी, जिसमें अलग अलग राज्यो के पाँच मुख्यमंत्री सहित कई वीआईपी और करीब एक लाख लोग शामिल हुए थे । शांति कुँज परिवार ने वीआईपी व आम जनता के लिए हवन करने हेतु अलग अलग व्यवस्था की थी। जहां पर सामान्य लोगो के लिए हवन करने की व्यवस्था की गई थी, वहां पर भगदड़ मचने से करीब 20 लोगो की आकस्मिक मौत तथा 67 लोग घायल हो गए थे।
अभी तक किसी भी पीड़ित परिवार को इस घटना का मुआवजा नही दिया गया। इस मामले पर पुलिस द्वारा अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जब जाँच समाप्त हुई तो सरकार ने केश रफादफा कर दिया और कहा कि लोकहित देखते हुए इस मामले को आगे नही बढ़ाना चाहती है।याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना कि है कि इस मामले की पुन: जांच की जाय क्योंकि इतने बड़े आयोजन में पुलिस की सहायता नही ली गयी न ही पीड़ितों को इसका मुआवजा ही दिया गया।

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