कोटद्वार-पौड़ी

लकड़ीपड़ाव व गाड़ीघाट में फैले अतिक्रमण को खाली करवाएगा रेलवे

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रेलवे विभाग ने अतिक्रमण को खाली करवाने के लिए प्रशासन से मांगा सहयोग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई के बाद अब रेलवे की भी नींद खुल चुकी है। रेलवे विभाग ने लकड़ीपड़ाव व गाड़ीघाट क्षेत्र में अपनी भूमि पर बने अतिक्रमण को खाली करवाने के लिए प्रशासन से सहयोग की अपील की है। उम्मीद है जल्द ही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। वर्तमान में रेलवे विभाग ने 14 अतिक्रमणों को चिन्हित किया है।
वर्तमान में उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासन की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कुछ सप्ताह पूर्व प्रशासन ने झंडाचौक चौराहे से कोतवाली तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर निगम की नजूल भूमि पर बने अवैध अतिक्रमण को जेसीबी से ध्वस्त करवाया था। यही नहीं प्रशासन ने गोखले मार्ग पर भी अतिक्रमण चिन्हित किया था। प्रशासन की कार्रवाई के बाद कई व्यापारी स्वयं ही अपना अतिक्रमण हटाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में अब रेलवे विभाग ने भी अतिक्रमण को लेकर सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। रेलवे ने लकड़ीपड़ाव व गाड़ीघाट रोड पर 14 अतिक्रमण चिन्हित किए हैं। अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए रेलवे विभाग की ओर से प्रशासन को पत्र भेजा गया है। जिसमें भूमि खाली करवाने के लिए सहयोग की अपील की गई है। उम्मीद है जल्द ही प्रशासन व रेलवे विभाग संयुक्त रूप से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

निगम ने भी रेलवे की भूमि पर कब्जा कर बनाया रैन बसेरा
कोटद्वार नगर निगम अपनी भूमि से अतिक्रमण हटा रहा है। लेकिन, इसके उलट नगर निगम ने स्वयं रेलवे की भूमि पर अवैध कब्जा कर रैन बसेरा निर्माण करवा दिया। रेलवे की ओर से जारी अतिक्रमणकारियों की लिस्ट में सबसे ऊपर नगर निगम का ही नाम है। मालूम हो कि नगर निगम की बोर्ड बैठक में रैन-बसेरा प्रस्तावित हुआ था, जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर था। इसी दौरान कोटद्वार रेलवे विभाग ने नगर निगम द्वारा निर्माणाधीन भवन जिस भूमि पर बन रहा है उसे अपना बता दिया था। रेलवे विभाग नजीबाबाद के टेक्नोलॉजी विभाग ने नगर निगम को नोटिस देकर उक्त भूमि पर रेलवे विभाग का दावा किया था। उक्त रैन-बसेरे को बनाने के लिए नगर निगम ने 85 लाख रुपये खर्च कर दिए थे।

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