राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष ने ली पंचायती राज संस्थाओं की बैठक
रुद्रप्रयाग। पांचवें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष इंदु कुमार पांडेय (सेवानिवृत मुख्य सचिव) द्वारा जिला पंचायत सभागार में शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की सुनवाई बैठक ली गई। इस मौके पर कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए प्रथम बैठक नगर निकाय सदस्य व अध्यक्ष, द्वितीय बैठक जिला पंचायत सदस्य, तृतीय बैठक क्षेत्र पंचायत प्रमुख और सदस्य तथा अंतिम बैठक ग्राम प्रधान के साथ आयोजित की गई।
जिला पंचायत सभागार में आयोजित बैठक में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष इंदु कुमार पांडेय ने राज्य वित्त आयोग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बातया कि आयोग ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों और शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के कार्य कर रहा है। बढ़ते शहरीकरण और आबादी के हिसाब से उपलब्ध अवस्थापना का आंकलन, पंचायतों और निकायों में सुधारों की स्थिति का आंकलन करता है। इसके अलावा राज्य सरकार के संसाधनों, प्रशासनिक खर्च व अन्य प्रतिबद्ध व्यय एवं दायित्व का निर्धारण का काम भी वित्त आयोग का है। कहा कि सरकार द्वारा गठित समिति तय करती है कि राज्य सरकार के स्वयं के करों में से कितना हिस्सा पंचायतों और स्थानीय निकायों को दिया जाए। उसकी सिफारिशों पर सरकार का पंचायतों और निकायों के लिए करों की हिस्सेदारी का निर्धारण किया जाता है। आयोग को यह शक्ति है कि वह किसी भी अधिकारी से सूचना व अभिलेख की मांग कर सकता है। इसके लिए किसी व्यक्ति को बुला सकता है।
बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने सुझावों आयोग को दिए गए साथ ही प्रत्यावेदन भी दिया गया। अध्यक्ष द्वारा जनप्रतिनिधियों के सुझाव सुने गए। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष अमर देई शाह, नगरपालिका अध्यक्ष गीता झींकवान, जिलाधिकारी वंदना सिंह, सीडीओ भरत चंद्र भट्ट, उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।