राम मंदिर भूमि पूजन पर सपा सांसद का विवादित बयान
अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी, यह इस्लाम का कानून
संभल,एजेंसी । अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखे जाने के बाद यूपी के संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी, है और आगे भी रहेगी। जहां एक बार मस्जिद बन जाती है वह जमीन और वह हिस्सा हमेशा मस्जिद का ही रहता है और मस्जिद का ही रहेगा। यह इस्लाम का कानून है। उन्होनें कहा कि मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। मुसलमान यह समझे कि हम किसी की रहमों करम पर जिंदा नहीं बल्कि ऊपर वाले के रहमों करम पर जिंदा है।
सपा सांसद ने कहा कि यह हमारे साथ नाइंसाफी हुई है लेकिन फिर भी मुसलमानों ने बहुत सब्र के साथ काम किया है। इसलिए हमें विश्वास है कि यह मस्जि है और मस्जिद ही रहेगी। इसको कोई मिटा नहीं सकता। सपा सांसद ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम में भगवा पहनने पर कहा कि उन्होंने आज तक कभी भगवा नहीं पहना था लेकिन कार्यक्रम के दौरान वह भगवा पहने हुए दिखे और अब उन्होंने बता दिया है कि वह भगवा में हो गए हैं। उन्होंने कहा किम मंदिर की जो नींव रखी गई है उससे मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। मुसलमान डरे ना और यह समझे कि हम किसी की रहमों करम पर जिंदा नहीं बल्कि ऊपर वाले के रहमों करम पर जिंदा है। इस देश के लिए मुसलमानों ने जितनी बड़ी कुर्बानी दी है उसको दुनिया भुला नहीं सकती।इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी का विवादित बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को तोड़ा जा सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हुआ था। सालों तक चली रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की लंबी कानूनी लड़ाई में रामलला के पक्ष में फैसला आया था, जिसके बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी। अल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने कहा, इस्लाम कहता है कि एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद होगी। इसे कुछ और बनाने के लिए नहीं तोड़ा जा सकता है। हमारा मानना है कि यह एक मस्जिद थी और हमेशा एक मस्जिद ही रहेगी। मस्जिद को मंदिर ध्वस्त करने के बाद नहीं बनाया गया था मगर अब मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त किया जा सकता है।
अशोक गहलोत खेमे के विधायक बोले- सचिन पायलट मेरी बात मानते तो आज उनके पास 40-45 एमएलए होते
जयपुर ,एजेंसी । राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के एक कांग्रेसी विधायक ने गुरुवार को कहा कि अगर उनके सुझावों पर विचार किया जाता तो पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ 40-45 विधायक हो सकते थे। विधायक ने यह भी कहा कि हो सकता है कि पायलट ने आवेश में में गुरुग्राम जाने का निर्णय लिया हो। निवाई से कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा ने गुरुवार को बताया कि सचिन पायलट को एहसास नहीं था कि उनके पास एक बड़ी टीम है। उन्होंने कहा, यह बेहतर होता कि वह हमसे सलाह लेते। कोई और उनके लिए गेम खेल रहा था। उनके पास एक बड़ी टीम है, यह उन्होंने महसूस नहीं किया।श्श्
निवाई विधायक सचिन पायलट के वफादार माने जाते हैं और 11 जुलाई को मानेसर से गहलोत र्केप लौटे चार विधायकों में से थे। आपको बता दें कि वे चार विधायक दानिश अबरार, रोहित बोहरा, प्रशांत बैरवा और चेतन डूडी थे।बैरवा ने कहा कि पायलट जिन लोगों पर भरोसा कर रहे हैं, वे पहले ऐसे होंगे जो उन्हें उजाड़ देंगे। उन्होंने कहा, यहां उनके शुभचिंतक भी हैं, लेकिन हम सभी कांग्रेस के साथ हैं। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि पायलट को सरकार के खिलाफ भड़काने में भाजपा शामिल थी। यदि भाजपा शामिल नहीं थी, तो उनके र्केप के विधायक हरियाणा पुलिस की निगरानी में गुरुग्राम में क्यों रह रहे हैं?
अब वे गुजरात गए हैं, जो भाजपा शासित राज्य है।बैरवा ने दावा किया कि पायलट गुट के कुछ विधायक भी सरकार में लौटने के इच्टुक थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि असंतुष्ट विधायकों को कोई स्वतंत्रता नहीं है। यह संभव है कि वे वापस लौटना चाहते हों लेकिन उन्हें रोका जा रहा है।
भारत ने कहा, सीमा पार आतंकवाद के बल पर पड़ोसियों की जमीन हथियाना चाहता है पाकिस्तान
नई दिल्ली,एजेंसी । विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के नए मानचित्र में भारतीय क्षेत्रों पर दावे को अनर्गल करार दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रकार के बेतुके दावों से पता चलता है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का उपयोग करके अधिक क्षेत्रों पर नियंत्रण करना चाहता है। बता दें कि पाक ने एक नया मैप जारी किया है, जिसमें ना सिर्फ समूचे जम्मू व कश्मीर, लेह-लद्दाख को पाकिस्तान का हिस्सा बताया गया है, बल्कि गुजरात के जूनागढ़ और सर क्रीक लाइन को भी पाकिस्तान में शामिल करके दिखाया गया है। कश्मीर से अनुच्घ्टेद 370 हटाने के भारत के फैसले की पहली वर्षगांठ पर यह मानचित्र जारी किया गया है। पाकिस्तान से पहले नेपाल ने अपना नया मानचित्र जारी किया गया था कि जिसमें भारत के लीपुलेख, कालापानी व लिंपियाधुरा को अपने हिस्से में दिखाया था।
तुर्की की सरकार ने बयान जारी कर कहा कि अनुच्छेद 370 के खात्घ्मे से क्षेत्र में कोई शांति नहीं आई है। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत है, पक्षपाती और अनुचित है। तुर्की की सरकार से आग्रह करेंगे कि भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने से पहले जमीनी स्थिति की उचित समझ हासिल करें।
कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने कहा था कि उसने कोर्ट के आदेश के बाद भारत से संपर्क किया था लेकिन विदेश मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान से इस संबंध में कोई बात नहीं हुई है। पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव से जुड़े बुनियादी मुद्दों को संबोधित करने की जरूरत है, जो आईसीजे के फैसले की प्रभावी समीक्षा, पूर्ति और कार्यान्वयन से संबंधित हैं। ये मुद्दे हमारे लिए प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराने और कुलभषण जाधव को बिना शर्त, बेरोक और बिना किसी बात को छिपाए काउंसलर एक्सेस प्रदान करने से संबंधित हैं।
अनुराग श्रीवास्घ्तव ने कहा कि बेरूत में हुए विस्घ्फोट पर हमने लेबनान से नुकसान पर एक आकलन मांगा है। इसके आधार पर हम सहायता की प्रति तय करेंगे जो हम उन्हें बढ़ाएंगे। भारतीयों के बीच कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है, केवल पांच लोगों को मामूली चोटें आईं हैं।