रावण ने छल से किया माता सीता का हरण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भाबर के कण्वघाटी में श्री ओंकारेश्वर रामलीला कमेटी की ओर से आयोजित रामलीला मंचन के 10वें दिन सूर्पणखा की नाक कटने, खर-दूषण वध और सीता हरण की लीला का मंचन किया गया।
मंचन की शुरुआत मंडी समिति के अध्यक्ष सुमन कोटनाला और पार्षद सुभाष पांडे ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंचन के शुरू में भरत तीनों माताओं, गुरु वशिष्ठ के साथ राम से मिलने वन को जाते हैं। बहुत मनाने पर भी राम अयोध्या लौटने से इन्कार कर देते हैं जिस पर भरत उनकी चरण पादुकाएं लेकर अयोध्या लौट जाते हैं। इसके बाद मंचन में सूर्पणखा पंचवटी में पहुंचती हैं, जहां वह राम लक्ष्मण पर मोहित हो जाती है। वह राम लक्ष्मण से विवाह करने के लिए हठ करती है। जिस पर भगवान राम का इशारा पाकर लक्ष्मण सूर्पणखा की नाक काट देते हैं, इसके बाद खर-दूषण वध और रावण द्वारा छल से सीता हरण की लीला का मंचन हुआ। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष मदन मोहन सिंह रावत, सौरव रावत, दिनेश गौड़, मनोज नेगी, अशोक गौड़, सत्येंद्र रावत, विकास गौड़, पितृशरण जोशी, चंदन मोहन रावत, धर्मानंद केष्टवाल, सोनू शर्मा मौजूद रहे। संचालन अनिल बलूनी ने किया।
———————