कोटद्वार-पौड़ी

रावण, कुंभकर्ण व विभीषण जन्म लीला का हुआ मंचन

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी: पाबौ ब्लाक के सरणा गांव में चल रही रामलीला के दूसरे दिन रावण जन्म हुआ। इस दौरान रामलीला देखने बड़ी संख्या में ग्रामीणें की भीड़ जुटी रही। लंका में रावण, कुंभकर्ण और विभीषण का जन्म हुआ उसके बाद तीनों भाइयों ने घोर तपस्या की। इस पर प्रसन्न होकर ब्रह्मा, विष्णु व महेश ने दर्शन दिए।
तीनों भाइयों ने इच्छानुसार वर मांगा। इसके पूर्व प्रभु ने कुंभकर्ण की नियत को समझकर मां सरस्वती को कुंभकर्ण की मति घुमाने को कहा। इसके बाद कुंभकर्ण ने इंद्रासन की जगह निद्रासन मांग ली। इसे सुनकर रावण अत्यन्त दुखी हुआ और प्रभु से कुंभकर्ण द्वारा मांगे गए वरदानों में राहत देने का निवेदन किया। इस पर छह महीने में एक दिन जागने का प्रभु ने वरदान देकर रावण की विनती को स्वीकार किया। दूसरी तरफ राजा मनु ने अपनी पत्नि सतरूपा के साथ जंगल में घोर तपस्या की। इस पर भगवान विष्णु प्रकट हुए और त्रेता युग में मनु और सतरूपा के घर जन्म देने का वर दिया। बताया कि मेरे साथ आदि शक्ति के रूप मे माता लक्ष्मी और शेषावतार लक्ष्मण होंगे।

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