उत्तराखंड

हरकोट में फिर से झील से खतरा बरकरार

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पिथौरागढ़। हरकोट में पहाड़ी दरकने के बाद दो नदियों का प्रवाह रुकने से बनी झील से खतरा बरकरार है। लगातार पहाड़ी दरकने से पानी का प्रवाह पूरी तरह से शुरू नहीं हो सका, जिसके चलते झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि प्रशासन मलबे को हटाकर प्रवाह शुरू करने में जुटा है। लेकिन पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिरने से मलबे को हटाना चुनौती बना हुआ है।
हरकोट में फिर से पहाड़ी दरकने से बनी झील का जलस्तर बढ़ने लगा है। पहाड़ी से लगातार बोल्डर व मलबा गिरने से नदियों का प्रवाह फिर से थमने लगा है। झील का जलस्तर बढ़ने के साथ ही नीचे बसे पांच से अधिक गांवों के लोगों की मुश्किल बढ़ने लगी है। यहां के ग्रामीणों में दहशत है। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम पर प्रशासन नजर गढ़ाए है। मौके पर एसडीआरएफ व राजस्व की टीम नदियों का प्रवाह शुरू करने में जुटी है। लेकिन पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिरने से टीम के लिए इस काम को अंजाम देना मुश्किल साबित हो रहा है। भू वैज्ञानिक प्रदीप कुमार मौके पर पहुंचकर टीम को हौसला दे रहे हैं।
झील पर नजर रखने को निगरानी समिति गठित: झील बनने से उपजे हालातों व सुरक्षा की दृष्टि से इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने निगरानी समिति गठित की है। नायब तहसीलदार भुवन लाल वर्मा के नेतृत्व में एसडीआरएफ, राजस्व व सिंचाई विभाग के कर्मियों को समिति में शामिल किया गया है। समिति के नेतृत्व में ही नदियों का प्रवाह शुरू करने की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है।
एसडीआरएफ व राजस्व की टीम मौके पर नदियों का प्रवाह शुरू करने के प्रयास कर रही है। मलबा व बोल्डरों को हटाया जा रहा है। पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिरने से काम करना मुश्किल हो रहा है। फिलहाल खतरे की बात नहीं है। -भुवन लाल वर्मा, नायब तहसीलदार, मुनस्यारी।

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