रेबीज एक लाइलाज बीमारी, सावधानी, सुरक्षा एवं टीकाकरण से होगा बचाव
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि रेबीज बीमारी संक्रमित कुत्ता एवं अन्य जानवरों के काटने पर उनकी लार में मौजूद संक्रमण से होता है, रेबीज एक लाइलाज बीमारी है, रेबीज बीमारी होने पर रोगी को बचाना मुश्किल होता है, रेबीज बीमारी जानवर के काटने के 10 से 20 साल के अंतराल में कभी भी हो सकती है, जानवरों से सावधानी, सुरक्षा एवं टीकाकरण से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है।
विश्व रैबीज दिवस के अवसर पर मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग पौड़ी गढ़वाल की ओर से गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि यदि कोई कुत्ता या कोई अन्य जानवर काट ले तो किसी भी तरह के घरेलू उपचार हल्दी मिर्च आदि लगाने से बचना चाहिए, साथ ही पट्टी टांके इत्यादि नहीं लगाने चाहिए, घाव को तुरन्त साबुन पानी से धोते हुये एंटीसैप्टिक का प्रयोग करना चाहिए एवं नजदीकी चिकित्सालय में जाकर चिकित्सक की सलाह पर टीका अवश्य लगाना चाहिए। लोगों को घरों में पालतू कुत्तों एवं अन्य जानवरों का समय पर टीकाकरण अवश्य करना चाहिए, रेबीज के टीके समस्त सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम के अन्र्तगत विभाग की ओर से आने वाले समय में नगर पालिका, पशुपालन विभाग व अन्य विभागों के समन्वय से जनजागरुकता एवं बचाव सम्बन्धी गतिविधियों में तेजी लायी जायेगी, कार्यक्रम के अन्र्तगत पैरामेडिकल स्टाफ हेतु समय समय पर प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं। इस मौके पर एनसीडी नोडल अधिकारी डॉ. आशीष गुसाईं, निम्मी कुकरेती, आशीष रावत एवं अन्य विभागीय कर्मचारी मौजूद रहे।