उत्तराखंड

स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया

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बागेश्वर। जिला कांग्रेस कमेटी ने एक कार्यक्रम आयोजित कर भारत छोड़ो आंदोलन में अग्रिम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन की भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। सोमवार को वक्ताओं ने कहा वर्ष 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था। भारत की आर्थिक स्थित खराब हो चुकी थी। देश के अराजकता का माहौल था। अंग्रेज चाहते थे कि भारत जर्मनी के खिलाफ उनका साथ दे। इसी दौरान महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश सरकार के सामने रखा गया कि अंग्रेज भारत को आजाद करे। अंग्रेजों द्वारा कई प्रलोभन दिए गए, लेकिन आजादी के नाम पर सहमति नहीं हुई। तब गांधी ने मंत्र दिया करो या मरो। आठ अगस्त को कांग्रेस ने प्रस्ताव पास किया। इसके बाद नेताओं की रातों रात धरपकड़ शुरू हो गई। कई लोग भूमिगत होकर आंदोलन को समर्थन दे रहे थे। पूरे देश में आजादी के लिए संघर्ष का माहौल बन गया। इस तरह अगस्त की क्रांति देश की आजादी के लिए मील का पत्थर साबित हुई। यहां जिलाध्यक्ष लोकमणि पाठक, प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण, ललित फर्स्वाण, महेश पंत, बहादुर बिष्ट, हरीश त्रकोटी, लक्ष्मी धर्मशक्तू, गीता रावल, सुनीता टम्टा, गीतांजलि, राजेंद्र टंगड़िया, किशन कठायत राजेंद्र राठौर आदि रहे।

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