उत्तराखंड

जल संरक्षण की आवश्यकता पर किया चिंतन

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हरिद्वार। इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी की ओर से जल संरक्षण की आवश्यकता पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें जल संरक्षण की आवश्यकता को लेकर चिंतन किया गया। इस मौके पर इं़ मधुसूदन आर्य ने कहा कि जल ही जीवन है। मनुष्य के उपयोग के लिए मात्र एक प्रतिशत जल बचा है। हमको जितने पानी की आवश्यकता है हमें उतना ही पानी उपयोग में लेना चाहिए। जल एक अमूल्य संपत्ति है जिस प्रकार हम हवा और भोजन के बिना जीवित नहीं रह सकते उसी प्रकार हम जल के बिना भी जीवित नहीं रह सकते। प्रांतीय उपाध्यक्ष जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि जल संरक्षण के महत्व को हमें इस बात से समझ लेना चाहिए कि हमारी धरती पर स्वच्छ जल 1 प्रतिशत बचा है। यदि हम इसी प्रकार जल का दुरुपयोग करते रहे तो आने वाली पीढ़ियों के लिए जल की स्वत समाप्त हो जाएगी। अब सबको जागरूक होने की आवश्यकता है और अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए सभी देशों को जल संरक्षण पर गंभीरता से प्रयास करना चाहिए।

 

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