संपादकीय

अपराध मुक्त प्रदेश का संकल्प

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उत्तराखंड में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार अब काफी गंभीर नजर आने लगी है। असल में पिछले कुछ समय में राज्य में कुछ ऐसे अपराध भी देखने में आए हैं जो आमतौर पर उत्तराखंड जैसे प्रदेश में देखें और सुनाई नहीं दिए जाते थे। इस प्रकार के अपराधों में बड़ी संख्या में गैर राज्य के लोगों की संलिप्तता सामने आई है। इसके मायने यह हुए कि उत्तराखंड में अपराधी खुद को अधिक महफूज समझते आ रहे थे, लेकिन इधर पिछले कुछ समय में सरकार ने सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था को लेकर कड़ा रवैया अपनाने का मन बना लिया है। स्थिति यह है कि अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नियमित तौर पर प्रत्येक जनपद के अपराधों का फीडबैक ले रहे हैं और किसी भी संगीन अपराध की स्थिति में जनपद प्रभारी से सीधा जवाब तलब किया जा रहा है। हाल ही में उत्तराखंड के अंदर “लव जिहाद” तथा महिलाओं से छेड़छाड़ के मामलों को लेकर सरकार द्वारा कर रवैया अपनाया गया है। सरकार की पूर्ण कोशिश है कि प्रदेश में भय मुक्त माहौल बनाया जाए और इसके लिए सबसे जरूरी है कि अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को चिन्हित किया जाए। इसके साथ ही अपराध होने की दशा में आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाई जाए। पिछले कुछ समय में उत्तराखंड में बाहरी लोगों की जिस प्रकार से संख्या बड़ी है उसे लेकर भी ऐसे लोगों के सत्यापन का कार्य तेजी से करने के निर्देश सीधे सीएम स्तर पर जारी किए गए हैं। हाल ही में लड़की के साथ छेड़छाड़ मामले में देहरादून नगर कोतवाली पुलिस की भी पोल खुलकर सामने आई जहां पुलिस की नाक के नीचे बड़ी संख्या में बिना सत्यापन के बाहरी लोग कार्य कर रहे थे। यह स्थिति केवल पलटन बाजार की नहीं है बल्कि यदि गंभीरता से वेरिफिकेशन अभियान चलाया जाए तो न जाने कितने ही ऐसे पर प्रकरण सामने आ सकते हैं जिनमे ऐसे लोग भी बेनकाब होंगे जो बाहरी प्रदेशों में अपराध करने के बाद उत्तराखंड को अपनी शरण स्थली बनाए हुए हैं। पूर्व में ऐसे कई ममलेस पुलिस ने उजागर किया जिनमें दूसरे प्रदेशोंमें अपराध करने के बाद बदमाशों ने उत्तराखंड में छिपने का प्रयास किया। खासतौर से उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों में रूप बदलकर छिपना ज्यादा आसान समझा जा रहा था। एक कुशल शासकीय प्रबंधन का यह एक सुखद पक्ष है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं प्रदेश में सुरक्षा व कानून व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर है और हर प्रकार के अपराध को लेकर उनका दृष्टिकोण कड़ाई से निपटने का है। सरकार का संकल्प सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था कोलेकर इस पक्षी से भी देखा जा सकताहै कि हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने सरकारीएवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर वसूलीका सख्त कानून भी लागू किया है।

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