उत्तराखंड

हक-हकूधारियों का 8जुलाई को चोपता, तुंगनाथ बंद का ऐलान

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रुद्रप्रयाग। चोपता पटवाड़ा-तुंगनाथ पैदल मार्ग को केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के सेंचुरी क्षेत्र से बाहर करने की मांग को लेकर तुंगनाथ घाटी के हक हकूकधारियों, कारोबारियों ने आंदोलन की चेतावनी दे डाली है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो, तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ से जुड़े सभी हक हकूकधारी, व्यापारी घोड़ा-खच्चर संचालक, जीप-टैक्सी यूनियन 8 जुलाई को चोपता और तुंगनाथ पूर्ण बंद करने के लिए मजबूर होंगे। इस बावत उन्होंने डीएम को ज्ञापन भी दिया है। चोपता, तुंगनाथ के हक- हकूकधारियों का कहना है कि 14 दिसंबर 2017 को केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सेंचुरी क्षेत्र के संबंध में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें आपत्तियां मांगी गईं थी। तब निर्धारित 60 दिनों में ही वन पंचायत संघर्ष समिति मक्कू, पाव-जगपुड़ा ने अपनी आपत्ति केंद्र सरकार को भेज दी थी, किंतु 2018 से अभी तक चोपता पटवाड़ा-तुंगनाथ पैदल मार्ग को सेंचुरी क्षेत्र से बाहर नहीं किया गया है। इसका खामियाजा इसके हक हकूकधारी व व्यापारी भुगत रहे हैं। सेंचुरी के कारण चोपता तुंगनाथ तीर्थयात्री पैदल मार्ग पर बिजली, पानी, स्वास्थ्य, स्थानीय शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हुए। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो, 8 जुलाई को क्षेत्रीय जनता, जनप्रतिनिधि, तृतीय केदार की यात्रा से जुड़े कारोबारी और हक हकूकधारी ऊखीमठ से चोपता होते हुए तुंगनाथ तक सभी सेवाएं बंद रखेंगे। ज्ञापन में प्रमोद सिंह, दिलवर सिंह, सचिन, अनूप, अमित, धनवीर, अभिषेक, देवेंद्र सिंह, रणवीर सिंह, अवतार सिंह, हरीश चंद्र आदि के हस्ताक्षर हैं।

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