उत्तराखंड

निजी बसों के लिए नए रूट खोले जाने के विरोध में रोडवेज कर्मचारी

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हल्द्वानी। राज्य में तेरह मुख्य मार्गों को निजी बसों के लिए खोले जाने का रोडवेज कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने सोमवार को प्रर्दशन कर कहा कि सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की जा रही है। परिवहन निगम में निजी बसों से अनुबंध के बाद अब मुख्य मार्गों को निजी बसों के लिए खोला जा रहा है। ऐसे में विभाग को आर्थिक नुकसान होने से कर्मचारियों के हित खतरे में आ गए हैं।
काठगोदाम में प्रर्दशन से पहले हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि निजी बसों के संचालन को बढ़ावा देने की नीति का पुरजोर विरोध किया जाएगा। कहा कि निगम के 2006 से कार्यरत विशेष और संविदा श्रेणी के कार्मिकों को अभी तक स्थाई नहीं किया गया है। मांग की गई है कि पर्वतीय मार्गों पर बंद बस सेवाओं को बहाल कर कार्मिकों को स्थाई किया जाए। बताया कि काठगोदाम डिपो का संचालन हल्द्वानी से किए जाने पर चालक-परिचालकों को 12 किमी के भुगतान का नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही कर्मचारियों के गोल्डन और ईएसआई कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। कार्मिकों की मांगों का जल्द समाधान किए जाने की मांग उठाई गई। इस मौके पर शाखा मंत्री कमल धामी को दिल्ली स्थान्नतरण होने पर विदाई दी गई। प्रर्दशन में प्रदेश अध्यक्ष कमल पपनै, डिपो अध्यक्ष मनोज भट्ट, क्षेत्रीय अध्यक्ष दयाल जोशी, प्रदीप शर्मा, आनंद बिष्ट, शशिकांत गौतम, कैलाश कांडपाल, संदीप बिष्ट, ज्ञान प्रकाश, कमल बिष्ट, अब्दुल, सूरज, बीसी भट्ट, राजवीर सिंह, जीवन आर्या, गर्वित तिवारी, सुशील सिंह, बिशन राम, हरपाल सिंह, नीरज मेहता, कमल सनवाल, अमित शर्मा, महेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।

 

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