उत्तराखंड

समाज कल्याण अधिकारी जोशी के खिलाफ दायर जनहित याचिका निस्तारित

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नैनीताल। हाईकोर्ट ने बुधवार को आय से अधिक सम्पत्ति रखने पर सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम जोशी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए सतर्कता विभाग को निर्देश दिए है कि मामले की जांच शीघ्र करें। देहरादून निवासी एसके सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम जोशी ने आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की है, जिसकी जांच कराई जाए। याचिका में आरोप लगाए हैं कि उत्तराखंड सरकार ने 8 मार्च 2018 को आय से अधिक सम्पत्ति रखने पर उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे, लेकिन पौने चार वर्ष बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। आरोप है कि 2010 से 2013 तक टिहरी में समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए उन्होंने वृद्घा व विकलांग के लिए अनुमन्य धनराशि का दुरुपयोग किया है। सरकार के नोटिफिकेशन से स्पष्ट है कि इसके लिए 87 र्केप लगने थे, लेकिन मात्र चार कैम्प ही लगाए गए। जिन अन्य र्केप का बिल दिया गया, वो फर्जी थे। सीडीओ टिहरी की जांच के आधार पर सात लाख चार सौ बीस रुपये का गबन पाया गया। सरकार ने 28 मार्च 2019 को सीडीओ को इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए, लेकिन विवेचना अधिकारी ने बिना जांच पूरी किए हुए अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी। याचिकाकर्ता का कहना है कि पौने चार साल बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है, लिहाजा जांच शीघ्र कराई जाए। बुधवार को सुनवाई में कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए सतर्कता विभाग को मामले की जांच शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!