उत्तराखंड

जसपुर में लोन लिमिट और खाद को लेकर हंगामा

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काशीपुर। किसान सेवा सहकारी समिति के 58वें वार्षिक अधिवेशन में सदस्यों ने अफसरों के न पहुंचने, इफ्को द्वारा खाद न देने और लोन लिमिट न बढ़ाने पर हंगामा काटा। इस दौरान 77 लाख रुपये लाभ का बजट पास किया गया। साथ ही पूरे वर्षाण बांटने के लिए ढाई सौ करोड़ रुपये के अधिकतम दायित्व भी निर्धारित किया गया। अधिवेशन में करीब साढ़े दस हजार सदस्यों को दस प्रतिशत लाभांश देने पर भी सहमति बनी।
गुरुवार को तीन साल बाद परिणय वाटिका में हुए अधिवेशन में गत वर्ष वार्षिक सामान्य निकाय की कार्रवाई की पुष्टि पर विचार किया गया। सदस्यों ने पिछली कार्रवाई की पुष्टि हाथ उठाकर की। इसके बाद तीन वर्षों की आय-व्यय, लाभ-हानि पर चर्चा की। समिति एमडी हेमराज सिंह ने समिति की होने वाले आय-व्यय के बारे में बताया। सदस्यों ने अफसरों के न पहुंचने, इफ्को द्वारा खाद न देने और लोन लिमिट न बढ़ाने पर हंगामा किया। इस दौरान सर्वसम्मति से 77 लाख रुपये लाभ के बजट पर मुहर लगाई गई। अधिवेशन में किसानों को लोन देने पर चर्चा की गई। सर्वसम्मति से पूरे साल में किसानों को लोन बांटने के लिए ढाई सौ करोड़ रुपये का अधिकतम दायित्व निर्धारित किया गया। इसके अलावा किसानों को तीन वर्षों का लाभांश बांटने पर भी मंथन किया। समिति ने दस प्रतिशत तो किसानों ने 18 प्रतिशत लाभांश देने की मांग की। संचालक अनिल गहलोत ने बताया कि 10 प्रतिशत लाभांश समिति के सभी साढ़े दस हजार किसानों को दिया जायेगा। बताया कि समिति कर्मी किसानों के हिस्से के अनुसार उन्हें लाभांश देने पर काम कर रहे है। मुख्य अतिथि विधायक आदेश चौहान ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों के न आने पर नाराजगी जताई। कहा कि किसानों की समस्या से अधिकारियों का कोई लेना देना नहीं है। कहा कि किसान खाद का मानक और लोन लिमिट बढ़ाने को प्रस्ताव पास करें। समिति अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि उन्होंने 50 हजार की लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सरकार ने इंकार कर दिया। पूर्व विधायक ड़ शैलेंद्र मोहन सिंघल ने कहा कि किसान बकाया जमा कराएं। साथ ही समिति बोर्ड किसान हित में प्रस्ताव बनाकर कापरेटिव मंत्रालय दिल्ली को भेजे। समिति अध्यक्ष ने वित्तीय वर्ष में अधिक खाद भेजने, किसानों के लिए टिनशेड, खाद न मिलने एवं गैर हाजिर अफसरों का निंदा प्रस्ताव आदि पास कराया। यहां मनोज चौहान, दिग्विजय सिंह, लखवीर सिंह, मनोज कुमार, तरूण गहलोत, ब्रजेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार, अरविंद कुमार, सुभाष सिंह, गुरुदेव, चंद्रपाल सिंह, देवेंद्र सिंह, हरीश चंद्र, भागेश देवी, सरवन सिद्घू, शाहनवाज, प्रेम सहोता रहे।
लेखा परीक्षा ने दिया समिति को ‘ए ग्रेड
जसपुर। किसानों के हित एवं पारदर्शी काम करने पर लेखा परीक्षा विभाग ने समिति को ‘ए ग्रेड देकर कर्मियों की पीठ थपथपाई है। संचालक अनिल गहलोत ने बताया कि पिछले दिनों समिति में आये परीक्षकों ने समिति के कार्यों पर प्रशंसा की। अब लेखा विभाग ने उन्हें ‘ए ग्रेड दिया है।
खाद और लोन लिमिट पर रहा फोकस
जसपुर। अधिवेशन में सदस्य किसानों को खाद न मिलने और कर्ज की लिमिट 31 हजार रुपये से बढ़ाने पर फोकस रहा। प्रेम सहोता ने आरोप लगाया कि बोर्ड के सदस्य किसानों के बीच से चुने जाते हैं। वह किसान हित में काम नहीं कर रहे हैं। किसानों को समिति से खाद नहीं मिल रहा। उन्हें यूपी से खाद लाना पड़ रहा है।

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