उत्तरकाशी : कोरोना समुदाय संक्रमण की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार के मुखिया मीडिया के जरिये प्रतिदिन कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दो गज की दूरी और मास्क जरूरी का संदेश दे रहे हैं। लेकिन, उत्तरकाशी जनपद में विपक्ष तो दूर सत्ता पक्ष के माननीय भी नियमों को मानने को तैयार नहीं। कोरोना संक्रमण का खतरा छोड़कर मेला-थौलों में जाकर 2022 के चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
उत्तरकाशी में विधायक, पूर्व विधायक व जिला पंचायत के पदाधिकारी मेलों में शिरकत कर कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सरकारी नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। परंतु, प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई करने से बचता दिख रहा है। साथ ही समुदाय संक्रमण फैलाने के इन आयोजनों को नियंत्रित भी नहीं कर रहा है।
गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण गाजणा पट्टी के ठांडी गांव में आयोजित भेड़ मेले में शामिल हुए। यहां पहुंचे सैकड़ों ग्रामीणों को पूर्व विधायक ने अपने कार्यकाल की उपलब्धि बतायी। साथ ही 2022 के चुनाव के लिए समर्थन मांगा। लेकिन, पूर्व विधायक ने फोटो खिचवाते समय मास्क तो पहना। लेकिन, कोरोना महामारी से बचाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक नहीं किया और यहां कोरोना बचाव के लिए सारे नियम तार-तार हुए। उधर, गंगोत्री के वर्तमान विधायक गोपाल रावत तिहार गांव में पहुंचे। जहां शारीरिक दूरी और मास्क जरूरी के नियमों की धज्जियां उड़ी। विधायक गोपाल रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संदेश को भी गंभीरता से नहीं लिया। उनके कार्यकत्र्ता और स्थानीय भाजपा नेताओं ने भी आपदा अधिनियम खूब मखौल उड़ाया। उत्तरकाशी में भाजपा, कांग्रेस और जिला पंचायत के पदाधिकारी नियम तोड़ने में पीटे नहीं है। ऐसे में टूटते नियम कानून पर कोई पक्ष-विपक्ष भी अंगुली उठाने वाला नहीं है।
मेलों के फोटो वीडियो देखे हैं, जो निश्चित तौर पर चिताजनक हैं। ग्रामीणों से अपील कर कोशिश की जा रही है कि कम से कम मेलों में शिरकत करें। साथ ही दो गज की दूरी और मास्क जरूरी नियमों का भी पालन करें।
मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी उत्तरकाशी