उत्तराखण्ड के बेरोजगारों के पक्ष में उतरे सतपाल महाराज, दिया मुख्यमंत्री को सुझाव, कहा बड़े ठेको को छोटा कर स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दें
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून। उत्तराखण्ड के बेरोजगारों को काम देने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मांग की है कि प्रदेश में निर्माण विभाग के द्वारा कराये जा रहे कार्यों के ठेके बड़ी धनराशि के होने के कारण स्थानीय बेरोजगार उसमें शामिल नहीं हो पा रहे है, इसलिए ठेकों की लागत छोटी कर स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिल सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते वर्तमान समय में पलायन एवं बेरोजगारी से निपटने एवं स्थानीय ठेकेदारों के हितों के संरक्षण के लिए आवश्यक है कि कार्यों को छोटे-छोटे भागों में न्यूनतम 20 लाख रुपए की सीमा तक विभक्त किया जाय। स्थानीय निवासियों के साथ-साथ सुदूर क्षेत्रों से पलायन कर आए श्रमिकों और कामगारों को समस्त अभियंत्रण विभागों में छोटे ठेकों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक है।
प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गुरूवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को एक पत्र सौंपा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों के साथ-साथ सुदूर क्षेत्रों से पलायन कर आए श्रमिकों और कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश के सभी अभियांत्रिक विभागों द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों को छोटे-छोटे भागों न्यूनतम 20 लाख की सीमा तक विभक्त कर स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से कराया जाय। विभिन्न अभियंत्रण विभागों द्वारा प्रदेश के अंतर्गत पर्वतीय, भाबर एवं मैदानी क्षेत्रों में विभिन्न निर्माण कार्य निविदा प्रक्रिया के अंतर्गत ठेकेदारों के माध्यम से कराए जाते हैं। उन्होने कहा कि इसके लिए निविदाएं आमंत्रित करने की स्वीकृति वित्तीय अधिकारों का प्रतिनिधायन (संशोधन) के अंतर्गत सक्षम स्तर के अधिकारी द्वारा निर्धारित सीमान्तर्गत प्रदान किया जाना बेहद आवश्यक है। श्री महाराज ने बताया कि तकनीकी एवं व्यवहारिकता के दृष्टिगत कार्यों को छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जब कार्य को छोटे-छोटे भागों में बांटा जाय तो संपूर्ण कार्य की गुणवत्ता किसी भी रूप में प्रभावित ना हो सके।