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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर अभी नहीं हुई खत्म, केरल में चिंताजनक हैं हालात

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नई दिल्ली, एजेंसी। देश में कोरोना के सबसे अधिक नए मामले केरल राज्य से आ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में पिछले 24 घंटों के अंदर 43,263 नए मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें से अकेले 32,000 से अधिक मामले केरल राज्य से हैं। पिछले हफ्ते आए कोरोना वायरस के कुल नए मामलों में करीब 68 फीसद मामले केरल से हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने आगे कहा कि देश में कोरोना के मामलों में गिरावट 50 फीसद से थोड़ी कम है, जो पहली लहर में थी। उन्होंने कहा कि देश में अभी कोरोना की दूसरी लहर ही देखी जा रही है, जो कि यह अभी खत्म नहीं हुई है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी देश में केवल 38 जिलों में प्रतिदिन 100 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। देश के कुल सक्रिय मामलों के 61 फीसद केरल और महाराष्ट्र में 13फीसद हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 10,000 से ज्यादा और 50,000 से कम सक्रिय मामले हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि आने वाले त्योहारों के दिनों से पहले हमें टीकाकरण की रफ्तार को और बढ़ाना होगा। हमने देश में अब तक वैक्सीन की 72 करोड़ डोज लगा दी हैं। मई में हम औसतन 20 लाख टीके प्रतिदिन लगाते थे, आज सितंबर में हम 78 लाख टीके प्रतिदिन औसतन लगा रहे हैं।
केरल के स्वास्थ मंत्री वीना जर्ज ने बताया कि केरल में गुरूवार को 26,200 नए कोरोना के मामले सामने आए हैं। इस दौरान 29,209 कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं और 114 लोगों की इससे जान गई है। पिछले 24 घंटों में कुल 1,56,957 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया। राज्य में कोरोना की कुल सकारात्मकता दर 16़69फीसद है। कोरोना के सक्रिय मामले 2,36,345 हैं। वहीं, अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 22,126 हो गई है।
देश में हो रहे तेजी से कोरोना के टीकाकरण को लेकर नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डाक्टर वीके पाल ने बताया कि अब तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के 58 फीसद लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, इनमें 18फीसद लोगों ने कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवा ली है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सक्रिय रूप से बच्चों पर वैक्सीन के संभावित इस्तेमाल की वैज्ञानिक पुष्टि की दिशा में काम कर रहे हैं। बच्चों में संभावित इस्तेमाल के लिए एक वैक्सीन उपलब्ध हुई है। स्कूल खोलने के लिए बच्चों को वैक्सीन लगे ये मापदंड दुनिया में कोई नहीं मानता है।

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