उत्तराखंड

आफत की बारिश: मौसम का रौद्र रूप देख कांपा हरिद्वार, सड़कें बनीं दरिया, घुटनों तक भरा पानी

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हरिद्वार। पांच दिन से लगातार जारी बारिश ने मंगलवार को विकराल रूप धारण कर लिया। यह पहली बार था जब शहर के सभी क्षेत्र जलभराव की चपेट में नजर आए। हर दूसरे-तीसरे वार्ड में पानी की निकासी के लिए पंपिंग सेट लगाने पड़े। पहाड़ से सटे इलाकों में गलियों और घरों में मलबा घुस गया। गंगा भी चेतावनी निशान से महज 10 मीटर नीचे बह रही है। प्रशासन ने तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है। जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री मुहैया करवाई जा रही है।
सुबह मलबा आने से हिल बाईपास बंद हो गया। मलबा हटाने के लिए जेसीबी लगाई गई। दोपहर 11 बजे के आसपास गंगा नदी भी उफान पर आई। गंगा जलस्तर चेतावनी निशान 293 मीटर से एक मीटर नीचे बह रही। सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक गंगा का जलस्तर 292.90 और 292.85 मीटर के पीछे झूलता रहा।
चंद्राचार्य चौक पर दो अतिरिक्त पंपिंग सेट के बावजूद चौतरफा जलभराव था। कई चौपहिया और दोपहिया वाहन जलभराव में फंस गए। कई वाहनों के साइलेंसर और इंजन में पानी घुस, लोग वाहनों को धक्का देते हुए जलभराव से निकले। चौक के आसपास करीब चार फुट पानी भरा था। सिटी अस्पताल, मेडिकल स्टोरों और अन्य दुकानों में भी घुटनों तक पानी भर गया। मेडिकल स्टोर में रखी दवाएं और दुकानों में रखा सामान खराब हो गया।
ज्वालापुर में कटहरा, चौक बाजार और श्यामनगर में दोपहिया वाहन पानी में तैरने लगे। वहीं चौहानान, कोतवाली रोड, हज्जबान, पुरानी अनाज मंडी, पांवधोई, घास मंडी, तपोवन नगर, कडच्छ, घोसियान, कोटरावान, पीठ बाजार, लोधामंडी, मेहतान, चाकलान, लक्कड़हारान, आदि क्षेत्रों में जबरदस्त जलभराव था।

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