मौत छूकर निकल गई सात यात्रियों को
पिथौरागढ़। थल -मुनस्यारी मार्ग जानलेवा बन चुका है। थल से मुनस्यारी के मध्य चार स्थानों पर पहाड़ की तरफ से पत्थर गिर रहे हैं। गिरगांव के पास एक वाहन पर पत्थर और मलबा गिरा । वाहन में सवार सात सवारियां सुरक्षित रही वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। मार्ग पर अब तेजम के पास ही पांच सौ मीटर की ऊंचाई से पत्थर गिरने लगे हैं। मार्ग पर वाहन संचालन बाधित है।
जिला आपदाकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की सायं थल -मुनस्यारी मार्ग पर एक वाहन गुजर रहा था। वाहन जब गिरगांव के पास पहुंचा तो पहाड़ की तरफ से मलबा गिरने लगा। मलबे के चलते दलदल बनने से वाहन फंस गया। इसी दौरान पहाड़ की तरफ से एक पत्थर वाहन पर गिरा और वाहन में सवार सात लोग बाहर निकल गए। बाद में भारी मलबा गिरने से वाहन मलबे में दब गया और क्षतिग्रस्त हो गया। मार्ग के दलदल बनने से वाहन भी नहीं निकल सका। मार्ग खोलने के लिए जेसीबी भेजी गई। वाहन में सवार सात सवारियों विरेंद्र सिंह, प्रकाश सिंह, दीपक सिंह, उमेश सिंह, राजेंद्र सिंह, त्रिलोक सिंह और हरीश सिंह सभी सुरिक्षत रहे।
मौके पर मौजूद राजस्व पुलिस कर्मियों ने बताया कि मार्ग खुलना संभव नहीं है। बागेश्वर जिला निवासी मुनस्यारी घूमने जा रहे सभी सात सवारियों को रात को पर्यटक आवास गृह बिर्थी में रखा गया। गिरगांव के पास लगातार पत्थर , मलबा गिरता रहा। थल -मुनस्यारी मार्ग में नाचनी से मुनस्यारी के बीच अब तेजम के निकट भी पहाड़ दरकने लगा है। अभी तक नाचनी के पास नया बस्ती के पास पहाड़ दरक रहा था और लगभग एक किमी ऊपर से पत्थर गिर रहे थे। इधर अब तेजम धारे के पास पांच सौ मीटर ऊपर से पहाड़ से पत्थर गिरने लगे हैं। यह स्थल बेहद दुर्गम है। मार्ग में नया बस्ती, रातीगाड़, तेजम , गिरगांव और वनिक के पास पहाड़ की तरफ से पत्थर गिर रहे हैं। मार्ग की स्थिति को देखते हुए स्थानीय लोगों ने बाहर से आने वालोंं को दिन ढलने के बाद सफर नहीं करने की सलाह दी है। गिरगांव निवासी समाज सेवी भगत सिंह बाछमी का कहना है कि गिरगांव के पास लगातार मलबा और पत्थर गिर रहे हैं। उन्होंने लोगों से सफर करने में विशेष सावधानी बरतने को कहा है। मलबा गिरने से गिनी गांव के बच्चे पढने के लिए बिर्थी तक नहीं आ पा रहे हैं।
धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार दारमा मार्ग 58वें दिन भी बंद है। तल्ला, मल्ला दारमा, चौदास घाटी का सम्पर्क कटा हुआ है। मार्ग खोलने के प्रयास भी नहीं हो रहे हैं। बीआरओ का कहना है कि कंच्योती में पुल निर्माण के लिए सामग्री भेजी जा रही है। जिले में अभी भी आठ मार्ग बंद हैं। नाचनी से मिली जानकारी के अनुसार गुरु वार रात की बारिश से कोट्यूड़ा गांव में फकीर सिंह के मकान का आंगन बह गया है और मकान खतरे में आ चुका है।