शर्मसार उत्तराखंड पुलिस
पुलिस जहां अपने साहसिक एवं सराहनीय कार्यों से समाज में कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम करती है तो वहीं कई बार पुलिस के आचरण पर सवाल भी खड़े हो जाते हैं। खास तौर से जब अनुशासनहीनता और चारित्रिक पतन की घटनाएं सामने आती है तो पूरी वर्दी पर सवाल खड़े होने लगते हैं। विभाग में अनुशासन बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों पर गलत हरकतों में पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाती है लेकिन इसके बावजूद भी अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती है जो वर्दी पर दाग लगाने का काम करती हैं। मामला यदि महिलाओं से जुड़ा हुआ हो तो फिर आरोप और भी संगीन हो जाते हैं क्योंकि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार और मुख्यालय स्तर पर स्पष्ट निर्देश है। कुछ दिन पूर्व ही एक दरोगा पर महिला से फोन पर अश्लील बातें करने का वीडियो काफी वायरल हुआ था जिससे उत्तराखंड पुलिस को शर्मसार होना पड़ा तो वहीं कार्रवाई करते हुए उक्त दरोगा को निलंबित भी किया गया। दरोगा एक पुराने प्रकरण को लेकर महिला से अश्लील बातें कर रहा था जो की रिकॉर्ड हो गई। अभी प्रकरण को लेकर अभी अधिकारी दिशा निर्देश जारी कर ही रहे थे की एक वर्ष पुराना एक और मामला उत्तराखंड पुलिस की वर्दी पर ग्रहण लगा कर सामने आ गया जिसमें बीते वर्ष केदारनाथ यात्रा पर आई एक महिला यात्री ने पुलिस कैंप में केदारनाथ चौकी प्रभारी सहित दो पुलिस कर्मियों पर उसके साथ छेड़खानी करने आरोप लगाया। महिला ने पुलिस मुख्यालय देहरादून में शिकायत दर्ज कराई। चुंकी महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों को लेकर सरकार एवं पुलिस मुख्यालय पहले से ही काफी संजीदा है लिहाजा इस शिकायत पर दो दरोगाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इन दोनों घटनाओं ने उत्तराखंड पुलिस को शर्मसार तो किया ही साथ ही एक सवाल यह भी खड़ा कर दिया कि महिलाओं एवं आम समाज की सुरक्षा में लगाए गए जिम्मेदार लोग ही यदि ऐसी हरकतों पर उतारू होंगे तो कैसे समाज में सुरक्षा का भाव पैदा होगा। विभाग की छवि बनाने के लिए वर्षों की मेहनत लगती है लेकिन एक छोटी सी शर्मनाक घटना या चूक पूरे विभाग और वर्दी पर दाग लगा देती है। तमाम उपलब्धियां के बावजूद उत्तराखंड पुलिस इन दोनों घटनाओं को लेकर कटघरे में खड़ी है हालांकि अच्छी बात यह है कि उच्च स्तर से दोनों ही घटनाओं को बेहद गंभीरता से लेते हुए तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है और इससे पूर्व उन्हें निलंबित भी किया गया है। सभी कर्मचारियों को यह संदेश देना बेहद जरूरी है कि वह खुद पर हर परिस्थितियों में संयम रखें और उन्हें जो ड्यूटी समाज की सुरक्षा के लिए दी गई है सिर्फ और सिर्फ उसी पर फोकस करें। यदि विभाग की गरिमा या किसी व्यक्ति विशेष की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की जाएगी तो उसके लिए दंड के लिए भी तैयार रहना होगा।