शांतिपूर्ण रहा भारत बंद, किसानों ने रामलीला मैदान पर विरोध प्रदर्शन की मांगी अनुमति
नई दिल्ली,एजेंसी। नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। आज का भारत बंद शांतिपूर्ण रहा। पंजाब किसान यूनियन से जुड़े आरएस मनसा ने दिल्ली के रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी है। सीपीआइ नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि षि विरोधी कानूनों को लेकर विपक्षी दलों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल कल शाम 5 बजे राष्ट्रपति कोविंद से मिलेगा। इस दौरान राहुल गांधी, शरद पवार समेत पांच नेता मौजूद रहेंगे। वहीं, इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज प्रदर्शनकारी किसानों को मिलने के लिए बुलाया है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने इसकी जानकारी दी है। शाह ने शाम सात बजे मिलने के लिए बुलाया है। देश के अधिकतर राज्यों में बंद का मिला जुला असर देखने को मिला है। कहीं से भी बड़े उपद्रव की जानकारी सामने नहीं आई है। कुछ राज्यों को छोड़कर देश भर में सुबह के पीक-आवर ट्रैफिक मूवमेंट सामान्य रहा। प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा में कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक अवरुद्घ कर दिए। जयपुर में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। दिल्ली और अन्य कई राज्यों में सब्जी मंडियों में आंशिक प्रभाव देखने को मिला।
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस बंद का समर्थन कर रहे हैं। बता दें कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच इसे लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। किसान यूनियनों ने कहा है कि वे सरकार द्वारा प्रस्तावित किए जा रहे षि कानूनों में संशोधन से संतुष्ट नहीं हैं। दोनों के बीच कल (बुधवार) को फिर बातचीत होनी है।
सिंघू बर्डर पर चले रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पंजाब किसान यूनियन के नेता आरएस मनसा ने कहा कि हम दिल्ली या हरियाणा से किसी को भी असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते हैं। हमें रामलीला मैदान पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना-प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को घर में नजरबंद किया गया है। राजस्थान में कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जयपुर में भाजपा कार्यालय के बाहर झड़प हुई है। इस दौरान दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता एक दूसरे को मारते और धक्का मुक्की करते हुए देखे गए। सीपीआइ नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि कृषि विरोधी कानूनों को लेकर विपक्षी दलों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल कल शाम 5 बजे राष्ट्रपति कोविंद से मिलेगा। प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी, शरद पवार और अन्य शामिल होंगे। कोविड-19 प्रोटोकल के कारण, केवल 5 लोगों को उनसे मिलने की अनुमति दी गई है।
गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप से बढ़ी समाधान निकलने की उम्मीद, किसान नेताओं संग हो रही बैठक
नई दिल्ली। किसान नेताओं और सरकार के बीच बुद्घवार को होने वाली छठवें दौर की वार्ता का गतिरोध तोड़ने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आगे बढ़कर हस्तक्षेप किया है। इससे बुद्घवार को होने वाली बैठक में किसी समाधान पर पहुंचने की संभावना बढ़ गई है। किसानों के साथ होने वाली वार्ता के पहले के चिन्हित बिंदुओं पर सरकार की ओर से ठोस प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। हालांकि किसान संगठनों की ओर से आज शाम तक भी कोई सुझाव अथवा विवादित प्रावधानों की सूची नहीं सौंपी जा सकी है। इसे लेकर वार्ता में थोड़ी दिक्कत पैदा हो सकती है।
किसान नेताओं को गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बातचीत के लिए शाम को बुलावा भेजा गया। शाह के साथ होने वाली बैठक में किसानों को जिद न करने के बजाय विवादित संशोधनों पर जोर देने को कहा जाएगा। इस दौरान कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी देने जैसी मांगों पर विचार किया गया।
बुद्घवार को होने वाली बैठक को लेकर सरकारी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। तीन दिसंबर को जिन बिंदुओं को चिन्हित किया गया था, उनके समाधान का प्रस्ताव बना लिया गया है। इनमें मंडी के बाहर होने वाले जिंस कारोबार को नियमित करने का प्रावधान जोड़ा जा सकता है। मंडी की तर्ज पर ही बाहर खरीद करने वालों को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ सकता है। इसी तरह मंडी के भीतर और बाहर होने वाले कारोबार पर एक समान टैक्स का प्रावधान करने पर सहमति हो सकती है। इस आशय के कई प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। इसी तरह कांट्रैक्ट खेती कानून में भी कुछ छोटे मोटे संशोधन किए जा सकते हैं। दरअसल, पंजाब व हरियाणा समेत कई राज्यों में यह कानून कई सालों से अमल में है।