उत्तराखंड

एडीबी लोन से हुए सीवर, पेयजल कार्यों की हो एसआईटी जांच

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देहरादून। एडीबी से अरबों का लोन लेकर उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी से कराए जा रहे सीवर, पेयजल के कार्यों की एसआईटी जांच की मांग तेज हो गई है। एजेंसी के खिलाफ जल निगम, जल संस्थान के कर्मचारियों, इंजीनियरों ने मोर्चा खोल दिया है। पेयजल, सीवरेज के कार्यों में शहरी विकास विभाग के बढ़ते दखल के खिलाफ लामबंद हुए कर्मचारियों ने 20 जनवरी से कार्यबहिष्कार की भी चेतावनी दी। जल निगम मुख्यालय में हुई आम सभा में प्रदेश भर से कर्मचारी बड़ी संख्या में जुटे। जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी के मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एजेंसी में सालों से प्रतिनियुक्ति पर जमे इंजीनियरों को तत्काल उनके मूल विभाग में वापस भेजने की मांग की गई। संयोजक रमेश बिंजौला ने कहा कि जिन इंजीनियरों को राज्य का बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम करना था, वो बिना अनुभव के सीवर, पेयजल के काम कर रहे हैं। उनकी इसी अनुभवहीनता के कारण करोड़ों की योजनाओं की गुणवत्ता खराब हो रही है। देहरादून, रुड़की, नैनीताल, हल्द्वानी में तमाम गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। अधूरे काम छोड़ दिए गए हैं। कहीं काम पूरा होने के बाद भी लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में पूरे प्रोजेक्ट में हुए कार्यों की एसआईटी जांच कराई जाए। संयोजक विजय खाली ने कहा कि यदि इसी तरह पेयजल, सीवरेज के कार्य दूसरी एजेंसियों के अनुभवहीन लोग करेंगे, तो राज्य की एक्सपर्ट पेयजल एजेंसियां क्या काम करेंगी। जल निगम, जल संस्थान के कर्मचारियों, पेंशनर्स को कहां से वेतन, पेंशन का भुगतान होगा। ऐसे में सरकार तत्काल दोनों एजेंसियों का एकीकरण करते हुए पेयजल को राजकीय विभाग बनाए। निर्माण जल निगम और संचालन जल संस्थान से ही कराया जाए। ऐसा न होने पर 20 जनवरी से कार्यबहिष्कार और आगे चल कर अनिश्चितकालीन हड़ताल से भी पीटे नहीं हटा जाएगा।
बजट होने के बाद भी वेतन के लालेरू जल निगम में अभी से वेतन के लाले पड़ने लगे हैं। शासन में जल निगम की 32 करोड़ की सेंटज की फाइल डंप पड़ी है। वित्त विभाग की ओर से मंजूरी नहीं दी जा रही है। इसके कारण जनवरी महीने में अभी तक दिसंबर महीने का वेतन भुगतान नहीं हुआ है। कर्मचारियों को अभी तक सातवें वेतनमान के अनुसार मकान किराया भत्ता का लाभ नहीं मिला है। बढ़े हुए डीए का प्रकरण भी लटका हुआ है।
आम सभा में अफसर से लेकर कर्मचारी तक हुए शामिलरू आम सभा में अफसर से लेकर कर्मचारी तक शामिल हुए। मुख्य अभियंता संजय सिंह, मुख्य महाप्रबंधक निर्माण विंग कपिल सिंह, अधीक्षण अभियंता जितेंद्र सिंह देव, प्रवीन राय, एसके बर्नवाल, दिनेश बंसल, जीपी सिंह, संदीप कश्यप, अधिशासी अभियंता सीपीएस रावत, पल्लवी कुमारी, भारती रावत, बबीता सिंह, लीपिका, शशि राणा, कंचन रावत, पीएस रावत, वीरेंद्र सिंह नेगी, आरके रोनिवाल, श्याम सिंह नेगी, ईश्वरपाल शर्मा, रामकुमार, अजय कुमार बेलवाल, अरविंद सजवाण, संजय मल्होत्रा, प्रमोद कोठियाल, मातवर सिंह बिष्ट, प्रकाश जोशी, मोहित जैन, सतेंद्र कुमार, आनंद राजपूत, सुदामा प्रसाद, लक्ष्मी भट्ट, एलपी रतूड़ी, आरके कांबोज, एमएल डोभाल, केबी पांडे, श्रीकांत, आदि मौजूद रहे।

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