उत्तराखंड

जनकपुरी में हुआ सीता का जन्म

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

 

जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : रामलीला के दूसरे दिन शिव वंदना ओंकार घना ना ना से शुरू हुई। राजा जनक से प्रजा द्वारा हल चलाने के अनुरोध पर हल चलाते हुए हल के फल का जमीन पर टकराकर सीता जन्म का दृश्य बड़ा सजीव व आकर्षक रहा। कमेटी के अध्यक्ष उमाचरण बड़थ्वाल ने पौड़ी रामलीला के मंचन को देखने के लिए दर्शकों से अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि रामलीला मंचन के दौरान दर्शकों को प्रेरित किया जाएगा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में होने वाली अवैध गतिविधियों व मादक पदार्थों की तस्करी की सूचना पुलिस दें।
रामलीला के पहले दृश्य में जनकपुरी में अकाल पड़ा है, राजा जनक के दरबार में फरियादी आते हैं। गुरुजनों के बताने पर राजा जनक सोने का हल लगाते हैं और धरती से माता सीता का जन्म होता है। राक्षसों द्वारा विश्वामित्र का यज्ञ भंग, विश्वमित्र का दशरथ से राम लक्ष्मण को मांगना, ताड़का वध और भगवान राम द्वारा अहिल्या तारण तक की लीला मंचित की गई। जनक की भूमिका अशुतोष नैथानी, सुनैना सोनम डोभाल, विश्वामित्र गोपाल नेगी, ताड़का नीरज नेगी, सुबाहू शुभम, मारीच अंकित और अहिल्या वैभवी चमोली ने निभाई। ताड़का के लिए नीरज के अभिनय को दर्शको द्वारा काफी सराहा गया। राम की भूमिका में दीपक बिष्ट और लक्ष्मण की भूमिका में राहुल नेगी टप्पू हैं। बेहतरीन दृश्य संयोजन विक्रम गुसाईं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। जबकि मंच व्यवस्था पर नवीन मियां और कुलदीप गुसाईं महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अदिति रावत, आरुषि, वैभवी, परी, मोनिका और सोनिका ने भाव नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। दशरथ की भूमिका में सुदर्शन बिष्ट के लिए पाश्र्व गायन मनोज रावत अंजुल, राम के लिए सर्वेंद्र रावत, ताड़का के लिए प्रीति ने किया। रुप सज्जा का कार्य सुरेंद्र रमोला, गौरव गैरोला, जबकि वस्त्र सज्जा का कार्य राजेंद्र लिंगवाल, नवीन मियां कर रहे हैं। राम भेंट अंकनकर्ता में विमल बहुगुणा, जसपाल रावत सहयोग कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!